बच्चों के लिए 20 संस्कृत श्लोक अर्थ सहित – 20 Sanskrit Shlok With Hindi Meaning Every Child Should Know

बच्चों के लिए 20 संस्कृत श्लोक अर्थ सहित – 20 Sanskrit Shlok With Hindi Meaning Every Child Should Know

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1:32PM • 03 December, 2024

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20 Sanskrit Shlok With Hindi Meaning Every Child Should Know : नमस्कार साथियों, हम लाए है बच्चों के लिए 20 संस्कृत श्लोक हिन्दी अर्थ सहित। संस्कृत श्लोक हमारी प्राचीन संस्कृति और ज्ञान का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये श्लोक न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि नैतिकता, अनुशासन और शिक्षा के मूल्यों को भी सिखाते हैं।

बच्चों के मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए संस्कृत श्लोक एक अमूल्य धरोहर हैं। श्लोक बच्चों की स्मरण शक्ति, ध्यान और आचरण को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस ब्लॉग में हम बच्चों के लिए 20 महत्वपूर्ण संस्कृत श्लोक उनके अर्थ सहित (20 Sanskrit Shlok With Hindi Meaning) प्रस्तुत कर रहे हैं, जिन्हें हर बच्चे को जानना चाहिए।

इन श्लोकों को पढ़ने और समझने से बच्चों में आत्मविश्वास, संस्कार और नैतिक मूल्यों का विकास होता है। यह ब्लॉग बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए संस्कृत श्लोकों की महत्ता (Importance of Sanskrit Shlokas) को उजागर करेगा और उन्हें संस्कारों से परिपूर्ण बनाएगा।

मुख्य बिन्दु

1. सर्वे भवन्तु सुखिनः Sanskrit Shlok

श्लोक:

सर्वे भवन्तु सुखिनः,
सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु,
मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत्॥

अर्थ:

सभी लोग सुखी रहें, सभी निरोगी रहें, सभी शुभ देखें और किसी को भी दुःख का सामना न करना पड़े। यह श्लोक हमारे समाज के कल्याण और सुख-समृद्धि की कामना करता है, जिससे हम सभी मिलकर एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकें।

2. गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः Sanskrit Shlok

श्लोक:

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः,
गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् परब्रह्म,
तस्मै श्रीगुरवे नमः॥

अर्थ:

गुरु ही ब्रह्मा, गुरु ही विष्णु और गुरु ही महेश्वर हैं। गुरु साक्षात् परब्रह्म हैं। इस श्लोक में गुरु की महिमा का वर्णन है, जो हमें सिखाते हैं, मार्गदर्शन करते हैं और हमें सही दिशा में ले जाते हैं।

3. शांति मंत्र Sanskrit Shlok

श्लोक:

ॐ सह नाववतु।
सह नौ भुनक्तु।
सह वीर्यं करवावहै।
तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषावहै॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥

अर्थ:

हम दोनों की रक्षा हो, हम दोनों का पालन हो, हम दोनों मिलकर परिश्रम करें, हमारे अध्ययन में तेज हो, हम एक दूसरे से द्वेष न करें। यह शांति मंत्र हमारे जीवन में शांति, समृद्धि और एकता की कामना करता है।

4. विद्या ददाति विनयं Sanskrit Shlok

श्लोक:

विद्या ददाति विनयं,
विनयात् याति पात्रताम्।
पात्रत्वात् धनमाप्नोति,
धनात् धर्मं ततः सुखम्॥

अर्थ:

विद्या से विनय, विनय से पात्रता, पात्रता से धन, धन से धर्म और धर्म से सुख प्राप्त होता है। यह श्लोक हमें शिक्षा और विनम्रता के महत्व को समझाता है, जिससे हम जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

5. असतो मा सद्गमय Sanskrit Shlok

श्लोक:

असतो मा सद्गमय।
तमसो मा ज्योतिर्गमय।
मृत्योर्मा अमृतं गमय॥

अर्थ:

असत्य से सत्य की ओर, अंधकार से प्रकाश की ओर, मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो। यह श्लोक हमारे जीवन में सत्य, प्रकाश और अमरता की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है।

6. श्री गणेशाय नमः Sanskrit Shlok

श्लोक:

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

अर्थ:

टेढ़ी सूंड वाले, बड़े शरीर वाले, करोड़ों सूर्यों के समान चमक वाले, हे देव! मेरे सभी कार्यों में हमेशा विघ्नों का नाश करें। गणेश जी की पूजा से सभी कार्य बिना किसी बाधा के पूर्ण होते हैं।

7. श्री सरस्वत्यै नमः Sanskrit Shlok

श्लोक:

या कुन्देन्दु तुषार हार धवला,
या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा,
या श्वेतपद्मासना॥

अर्थ:

जो कुंद के फूल, चंद्रमा और हिम के हार से धवल हैं, जो शुभ्र वस्त्रों से आच्छादित हैं, जिनके हाथों में वीणा और वरदंड है, जो श्वेत कमल पर विराजमान हैं। सरस्वती देवी की स्तुति से विद्या, बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है।

8. श्री लक्ष्म्यै नमः Sanskrit Shlok

श्लोक:

सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥

अर्थ:

सभी मंगलों की मंगला, सभी कामनाओं को सिद्ध करने वाली, शरणागत वत्सला, तीन नेत्रों वाली, गौरी, नारायणी, तुम्हें प्रणाम। लक्ष्मी देवी की स्तुति से धन, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

9. श्री दुर्गायै नमः Sanskrit Shlok

श्लोक:

या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

अर्थ:

जो देवी सभी प्राणियों में माता के रूप में विद्यमान हैं, उन्हें बार-बार नमस्कार है। दुर्गा देवी की पूजा से सभी संकटों का नाश होता है और शक्ति की प्राप्ति होती है।

10. श्री विष्णवे नमः Sanskrit Shlok

श्लोक:

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं।
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गं॥

अर्थ:

शांत रूप, सर्प शय्या पर शयन करने वाले, नाभि में कमल वाले, देवताओं के ईश्वर, समस्त विश्व का आधार, आकाश के समान, मेघ के रंग वाले, शुभ अंगों वाले। विष्णु भगवान की पूजा से जीवन में शांति और स्थिरता की प्राप्ति होती है।

बच्चों के लिए 20 संस्कृत श्लोक अर्थ सहित 20 Sanskrit Shlok With Hindi Meaning Every Child Should Know
बच्चों के लिए 20 संस्कृत श्लोक अर्थ सहित – 20 Sanskrit Shlok With Hindi Meaning Every Child Should Know

11. श्री कृष्णाय नमः Sanskrit Shlok

श्लोक:

कस्तूरी तिलकं ललाटपटले, वक्षस्थले कौस्तुभं।
नासाग्रे नवमौक्तिकं, करतले वेणुं करे कङ्कणम्॥

अर्थ:

ललाट पर कस्तूरी का तिलक, वक्षस्थल पर कौस्तुभ मणि, नासिका पर नया मोती, हाथ में बांसुरी और कंगन। कृष्ण भगवान की पूजा से प्रेम, आनंद और भक्ति की प्राप्ति होती है।

12. श्री हनुमते नमः Sanskrit Shlok

श्लोक:

बुद्धिर्बलं यशो धैर्यं निर्भयत्वमरोगता।
अजाड्यं वाक्पटुत्वं च हनुमत्स्मरणाद्भवेत्॥

अर्थ:

हनुमान जी के स्मरण से बुद्धि, बल, यश, धैर्य, निर्भयता, आरोग्यता, अजान्यता और वाक्पटुता प्राप्त होती है। हनुमान जी की पूजा से जीवन में साहस, शक्ति और आत्मविश्वास की वृद्धि होती है।

13. श्री रामाय नमः Sanskrit Shlok

श्लोक:

रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे।
रघुनाथाय नाथाय सीतायाः पतये नमः॥

अर्थ:

राम, रामभद्र, रामचन्द्र, रघुनाथ, सीता के पति को नमस्कार। राम भगवान की पूजा से जीवन में मर्यादा, धर्म और सत्य की प्राप्ति होती है।

14. श्री शिवाय नमः Sanskrit Shlok

श्लोक:

करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा।
श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधम्।
विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व।
जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो॥

अर्थ:

हाथ, पैर, वाणी, शरीर, कर्म, श्रवण, नयन, मन से किए गए सभी अपराधों को क्षमा करें। जय करुणामय महादेव शम्भो। शिव भगवान की पूजा से जीवन में शांति, शक्ति और क्षमा की प्राप्ति होती है।

15. श्री विष्णु सहस्रनाम Sanskrit Shlok

श्लोक:

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं।
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गं॥

अर्थ:

शांत रूप, सर्प शय्या पर शयन करने वाले, नाभि में कमल वाले, देवताओं के ईश्वर, समस्त विश्व का आधार, आकाश के समान, मेघ के रंग वाले, शुभ अंगों वाले। विष्णु भगवान की पूजा से जीवन में शांति और स्थिरता की प्राप्ति होती है।

16. श्री गणेशाय नमः Sanskrit Shlok

श्लोक:

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

अर्थ:

टेढ़ी सूंड वाले, बड़े शरीर वाले, करोड़ों सूर्यों के समान चमक वाले, हे देव! मेरे सभी कार्यों में हमेशा विघ्नों का नाश करें। गणेश जी की पूजा से सभी कार्य बिना किसी बाधा के पूर्ण होते हैं।

17. श्री सरस्वत्यै नमः Sanskrit Shlok

श्लोक:

या कुन्देन्दु तुषार हार धवला,
या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा,
या श्वेतपद्मासना॥

अर्थ:

जो कुंद के फूल, चंद्रमा और हिम के हार से धवल हैं, जो शुभ्र वस्त्रों से आच्छादित हैं, जिनके हाथों में वीणा और वरदंड है, जो श्वेत कमल पर विराजमान हैं। सरस्वती देवी की स्तुति से विद्या, बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है।

18. श्री लक्ष्म्यै नमः Sanskrit Shlok

श्लोक:

सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥

अर्थ:

सभी मंगलों की मंगला, सभी कामनाओं को सिद्ध करने वाली, शरणागत वत्सला, तीन नेत्रों वाली, गौरी, नारायणी, तुम्हें प्रणाम। लक्ष्मी देवी की स्तुति से धन, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

19. श्री दुर्गायै नमः Sanskrit Shlok

श्लोक:

या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

अर्थ:

जो देवी सभी प्राणियों में माता के रूप में विद्यमान हैं, उन्हें बार-बार नमस्कार है। दुर्गा देवी की पूजा से सभी संकटों का नाश होता है और शक्ति की प्राप्ति होती है।

20. श्री हनुमते नमः Sanskrit Shlok

श्लोक:

बुद्धिर्बलं यशो धैर्यं निर्भयत्वमरोगता।
अजाड्यं वाक्पटुत्वं च हनुमत्स्मरणाद्भवेत्॥

अर्थ:

हनुमान जी के स्मरण से बुद्धि, बल, यश, धैर्य, निर्भयता, आरोग्यता, अजान्यता और वाक्पटुता प्राप्त होती है। हनुमान जी की पूजा से जीवन में साहस, शक्ति और आत्मविश्वास की वृद्धि होती है।

निष्कर्ष 20 Sanskrit Shlok With Hindi Meaning

संस्कृत श्लोक Sanskrit Shlokas बच्चों को आध्यात्मिक, नैतिक और शैक्षिक दृष्टिकोण से सशक्त बनाते हैं। ये श्लोक उनकी स्मरण शक्ति, ध्यान और आचरण को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रत्येक श्लोक एक अद्वितीय संदेश देता है, जो बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक होता है।

संस्कृत श्लोकों को नियमित रूप से पढ़ने और समझने से बच्चों में आत्मविश्वास, संस्कार और नैतिक मूल्यों का विकास होता है। इस प्रकार, संस्कृत श्लोक बच्चों के मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए एक अमूल्य धरोहर हैं।

FAQs 20 Sanskrit Shlokas With Hindi Meaning

1. संस्कृत श्लोक Sanskrit Shlokas क्या हैं?

संस्कृत श्लोक प्राचीन भारतीय ग्रंथों में लिखे गए धार्मिक और नैतिक शिक्षाओं के मंत्र होते हैं।

2. बच्चों के लिए संस्कृत श्लोक क्यों महत्वपूर्ण हैं?

ये श्लोक बच्चों में नैतिकता, अनुशासन और आध्यात्मिकता का विकास करते हैं।

3. कितने संस्कृत श्लोक बच्चों को सिखाए जाने चाहिए?

बच्चों को उनकी उम्र और समझ के अनुसार 10-20 महत्वपूर्ण श्लोक सिखाए जा सकते हैं।

4. बच्चों को संस्कृत श्लोकों का पाठ कैसे कराना चाहिए?

बच्चों को धीरे-धीरे श्लोकों का अर्थ समझाते हुए सही उच्चारण सिखाना चाहिए।

5. श्लोकों का अर्थ जानना क्यों आवश्यक है?

अर्थ जानने से बच्चों को श्लोकों का सही महत्व और संदेश समझ में आता है।

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