Dwitiya (Dooj) Kab Hai December 2024 : द्वितीया (दूज) तिथि हिन्दू पंचांग का एक महत्वपूर्ण दिन है। यह हर महीने के दूसरे दिन को दर्शाता है। द्वितीया (दूज) का मतलब होता है ‘दूसरा दिन‘, जो हर महीने के चंद्र माह का दूसरा दिन होता है।
इस दिन का धार्मिक, सांस्कृतिक और ज्योतिषीय महत्व होता है। द्वितीया (दूज) या दौज तिथि के नाम से जाने वाले इस दिन कई धार्मिक अनुष्ठान, व्रत और पूजा होती हैं। हिन्दू धर्म में इसे बहुत ही पवित्र माना जाता है। आईए जानते हैं की इस वर्ष विभिन्न महीनों में द्वितीया (दूज) कब है Dwitiya (Dooj) Kab Hai
द्वितीया (दूज) कब है Dwitiya (Dooj) Kab Hai
वर्ष 2024 के जनवरी से दिसंबर तक की द्वितीया (दूज) तिथि की जानकारी नीचे दी गई तालिकाओं में उपलब्ध है। आइए, हिंदू कैलेंडर के अनुसार देखें कि इस वर्ष हर महीने द्वितीया (दूज) तिथि कब-कब आती है।
जनवरी महीने मे द्वितीया (दूज) कब है Dwitiya (Dooj) Kab Hai?
माह | दिनांक | पक्ष | समय |
जनवरी | 12 जनवरी | शुक्ल पक्ष (द्वितीया तिथि) | 12 जनवरी, 2:23 अपराह्न 13 जनवरी, 11:11 पूर्वाह्न |
जनवरी | 27 जनवरी | कृष्ण पक्ष (द्वितीया तिथि) | 27 जनवरी, 1:20 पूर्वाह्न 28 जनवरी, 3:37 पूर्वाह्न |
फरवरी महीने मे द्वितीया (दूज) कब है Dwitiya (Dooj) Kab Hai?
माह | दिनांक | पक्ष | समय |
फरवरी | 11 फरवरी | शुक्ल पक्ष (द्वितीया तिथि) | 11 फरवरी, 12:47 पूर्वाह्न 11 फरवरी, 9:09 अपराह्न |
फरवरी | 25 फरवरी | कृष्ण पक्ष (द्वितीया तिथि) | 25 फरवरी, रात्रि 8:36 फरवरी 26, रात्रि 11:16 |
मार्च महीने मे द्वितीया (दूज) कब है Dwitiya (Dooj) Kab Hai?
माह | दिनांक | पक्ष | समय |
मार्च | 11 मार्च | शुक्ल पक्ष (द्वितीया तिथि) | 11 मार्च, 10:45 पूर्वाह्न 12 मार्च, 7:13 पूर्वाह्न |
मार्च | 26 मार्च | कृष्ण पक्ष (द्वितीया तिथि) | 26 मार्च, 2:56 अपराह्न 27 मार्च, 5:06 अपराह्न |
अप्रेल महीने मे द्वितीया (दूज) कब है Dwitiya (Dooj) Kab Hai?
माह | दिनांक | पक्ष | समय |
अप्रैल | 09 अप्रैल | शुक्ल पक्ष (द्वितीया तिथि) | 09 अप्रैल, 8:31 अपराह्न 10 अप्रैल 5:32 अपराह्न |
अप्रैल | 25 अप्रैल | कृष्ण पक्ष (द्वितीया तिथि) | 25 अप्रैल, प्रातः 6:46 26 अप्रैल, प्रातः 7:46 |
मई महीने मे द्वितीया (दूज) कब है Dwitiya (Dooj) Kab Hai?
माह | दिनांक | पक्ष | समय |
मई | 09 मई, | शुक्ल पक्ष (द्वितीया तिथि) | 09 मई, प्रातः 6:21 10 मई, प्रातः 4:18 |
मई | 24 मई | कृष्ण पक्ष (द्वितीया तिथि) | 4 मई, सायं 7:25 25 मई, सायं 6:58 |
जून महीने मे द्वितीया (दूज) कब है Dwitiya (Dooj) Kab Hai?
माह | दिनांक | पक्ष | समय |
जून | 07 जून | शुक्ल पक्ष (द्वितीया तिथि) | 07 जून, 4:45 अपराह्न 08 जून, 3:56 अपराह्न |
जून | 23 जून | कृष्ण पक्ष (द्वितीया तिथि) | 23 जून, प्रातः 5:13 24 जून, प्रातः 3:26 |
जुलाई महीने मे द्वितीया (दूज) कब है Dwitiya (Dooj) Kab Hai?
माह | दिनांक | पक्ष | समय |
जुलाई | 07 जुलाई | शुक्ल पक्ष (द्वितीया तिथि) | जुलाई 07, प्रातः 4:26 जुलाई 08, प्रातः 4:59 |
जुलाई | 22 जुलाई | कृष्ण पक्ष (द्वितीया तिथि) | जुलाई 22, दोपहर 1:12 जुलाई 23, 10:23 पूर्वाह्न |
अगस्त महीने मे द्वितीया (दूज) कब है Dwitiya (Dooj) Kab Hai?
माह | दिनांक | पक्ष | समय |
अगस्त | 05 अगस्त | शुक्ल पक्ष (द्वितीया तिथि) | 05 अगस्त, 6:03 अपराह्न 06 अगस्त, 7:52 अपराह्न |
अगस्त | 20 अगस्त | कृष्ण पक्ष (द्वितीया तिथि) | 20 अगस्त, 8:33 अपराह्न 21 अगस्त, 5:07 अपराह्न |
सितंबर महीने मे द्वितीया (दूज) कब है Dwitiya (Dooj) Kab Hai?
माह | दिनांक | पक्ष | समय |
सितंबर | 04 सितंबर | शुक्ल पक्ष (द्वितीया तिथि) | 04 सितंबर, 9:47 पूर्वाह्न 05 सितंबर, 12:21 अपराह्न |
सितंबर | 19 सितंबर | कृष्ण पक्ष (द्वितीया तिथि) | 19 सितंबर, 4:19 पूर्वाह्न 20 सितंबर, 12:40 पूर्वाह्न |
अक्टूबर महीने मे द्वितीया (दूज) कब है Dwitiya (Dooj) Kab Hai?
माह | दिनांक | पक्ष | समय |
अक्टूबर | 04 अक्टूबर, | शुक्ल पक्ष (द्वितीया तिथि) | 04 अक्टूबर, 2:58 पूर्वाह्न 05 अक्टूबर, 5:31 पूर्वाह्न |
अक्टूबर | 18 अक्टूबर | कृष्ण पक्ष (द्वितीया तिथि) | 18 अक्टूबर, दोपहर 1:15 बजे 19 अक्टूबर, सुबह 9:49 बजे |
नवंबर महीने मे द्वितीया (दूज) कब है Dwitiya (Dooj) Kab Hai?
माह | दिनांक | पक्ष | समय |
नवंबर | 02 नवंबर | शुक्ल पक्ष (द्वितीया तिथि) | 02 नवंबर, 8:22 अपराह्न 03 नवंबर, 10:05 अपराह्न |
नवंबर | 16 नवंबर | कृष्ण पक्ष (द्वितीया तिथि) | 16 नवंबर, 11:50 अपराह्न 17 नवंबर, 9:06 अपराह्न |
दिसम्बर महीने मे द्वितीया (दूज) कब है Dwitiya (Dooj) Kab Hai?
माह | दिनांक | पक्ष | समय |
दिसंबर | 02 दिसंबर | शुक्ल पक्ष (द्वितीया तिथि) | 02 दिसंबर, 12:43 अपराह्न 03 दिसंबर, 1:09 अपराह्न |
दिसंबर | 16 दिसंबर | कृष्ण पक्ष (द्वितीया तिथि) | 16 दिसंबर, 12:27 अपराह्न 17 दिसंबर, 10:56 पूर्वाह्न |
द्वितीया (दूज) तिथि का क्या महत्व है?
द्वितीया (दूज) तिथि हिंदू कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण दिन है। इसे महीने के दूसरे दिन के रूप में जाना जाता है, जो शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों में आता है। द्वितीया तिथि का धार्मिक, सांस्कृतिक और ज्योतिषीय महत्व होता है।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
द्वितीया तिथि पर कई धार्मिक अनुष्ठान और व्रत किए जाते हैं। इनमें से सबसे प्रसिद्ध “भाई दूज” है, जो दीपावली के बाद आता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के लिए लंबी उम्र और समृद्धि की कामना करती हैं।
भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने का यह एक महत्वपूर्ण पर्व है। इसके अलावा, द्वितीया तिथि को “वरूथिनी एकादशी” का भी महत्व है, जो भगवान विष्णु की पूजा के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।
ज्योतिषीय महत्व
द्वितीया तिथि को शुभ और लाभकारी माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, इस दिन कुछ खास ग्रह योग बनते हैं जो व्यक्ति की आर्थिक स्थिति और पारिवारिक जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
कई लोग इस दिन नए कार्यों की शुरुआत करना शुभ मानते हैं।
धार्मिक अनुष्ठान
द्वितीया तिथि पर किए जाने वाले कुछ प्रमुख धार्मिक अनुष्ठानों में पूजन, दान, और व्रत शामिल हैं। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा विशेष रूप से की जाती है।
भाई दूज के अवसर पर बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर, उनके लंबे और सुखद जीवन की कामना करती हैं।
आध्यात्मिक लाभ
द्वितीया तिथि के दौरान किए गए अनुष्ठान और व्रत व्यक्ति को मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करते हैं। इस दिन की पूजा और ध्यान से मन की शुद्धि और आत्मा की प्रगति होती है।
द्वितीया तिथि का महत्व केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इस दिन को विशेष रूप से शुभ माना जाता है और लोग इसे पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाते हैं।
द्वितीया (दूज) तिथि किस देवता को समर्पित है?
द्वितीया तिथि का हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व है। इस तिथि को विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे दौज और दूज। इस तिथि के देवता भगवान ब्रह्मा माने जाते हैं। द्वितीया तिथि में जन्मे व्यक्ति को भगवान ब्रह्मा की पूजा अवश्य करनी चाहिए। इस तिथि का एक और नाम सुमंगला भी है। यदि किसी माह में यह तिथि दोनों पक्षों में बुधवार को पड़ती है, तो इसे सिद्धिदा कहा जाता है। सिद्ध तिथि अपने नाम के अनुसार ही शुभ फल देने वाली मानी जाती है।
द्वितीया तिथि का धार्मिक महत्व
द्वितीया तिथि पर भगवान ब्रह्मा की पूजा करने से व्यक्ति को विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस तिथि को दौज और दूज के नाम से भी जाना जाता है, और यह तिथि सुमंगला नाम से भी प्रसिद्ध है। द्वितीया तिथि पर भगवान ब्रह्मा की आराधना करने से जीवन में शांति, समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है।
सुमंगला तिथि
द्वितीया तिथि का एक और नाम सुमंगला है, जो इस तिथि की शुभता को दर्शाता है। इस दिन पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान करने से विशेष लाभ मिलता है।
सिद्धिदा तिथि
यदि द्वितीया तिथि दोनों पक्षों में बुधवार को पड़ती है, तो इसे सिद्धिदा कहा जाता है। सिद्ध तिथि अपने नाम के अनुसार ही शुभ फल देने वाली मानी जाती है। इस दिन किए गए कार्य और पूजा विशेष रूप से सिद्ध होते हैं।
पूजन विधि और ज्योतिषीय लाभ
द्वितीया तिथि पर भगवान ब्रह्मा की पूजा विधि सरल है। इस दिन भगवान ब्रह्मा की प्रतिमा के समक्ष दीपक जलाएं, सफेद फूल चढ़ाएं और विशेष मंत्रों का जाप करें। पूजा के बाद प्रसाद वितरण करें और भगवान ब्रह्मा से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करें।
ज्योतिष के अनुसार, इस तिथि पर पूजा करने से कुंडली में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और जीवन में शुभता का संचार होता है।
निष्कर्ष
द्वितीया तिथि का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व अत्यधिक है। इस तिथि को दौज, दूज, सुमंगला, और सिद्धिदा जैसे नामों से जाना जाता है। भगवान ब्रह्मा की पूजा से जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। इस तिथि को विशेष रूप से मान्यता दी जाती है और इसे पूरे श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जाता है।
FAQ
1. जनवरी में द्वितीया (दूज) तिथि कब है Dwitiya (Dooj) Kab Hai?
जनवरी महीने में 13 तारीख को शुक्ल पक्ष की द्वितीया (दूज) तिथि और 27 तारीख को कृष्ण पक्ष की द्वितीया (दूज) तिथि है।
2. फरवरी में द्वितीया (दूज) तिथि कब है?
फरवरी महीने में 11 तारीख को शुक्ल पक्ष की द्वितीया (दूज) और 26 तारीख को कृष्ण पक्ष की द्वितीया (दूज) है।
3. मार्च में द्वितीया (दूज) तिथि कब है Dwitiya (Dooj) Kab Hai?
इस साल मार्च महीने में 12 तारीख को शुक्ल पक्ष की द्वितीया (दूज) तिथि और 27 तारीख को कृष्ण पक्ष की द्वितीया (दूज) तिथि है।
4. अप्रैल में द्वितीया (दूज) तिथि कब है?
अप्रैल महीने में 10 तारीख को शुक्ल पक्ष की द्वितीया (दूज) और 26 तारीख को कृष्ण पक्ष की द्वितीया (दूज) तिथि है।
5. मई में द्वितीया (दूज) तिथि कब है Dwitiya (Dooj) Kab Hai?
मई 2024 महीने में 9 तारीख को शुक्ल पक्ष की द्वितीया (दूज) और 25 तारीख को कृष्ण पक्ष की दूज द्वितीया (दूज) है।
6. जून में द्वितीया (दूज) तिथि कब है?
जून 2024 महीने में 8 तारीख को शुक्ल पक्ष की द्वितीया (दूज) और 23 तारीख को कृष्ण पक्ष की द्वितीया (दूज) तिथि है।
7. जुलाई में द्वितीया (दूज) तिथि कब है Dwitiya (Dooj) Kab Hai?
जुलाई 2024 महीने में 7 तारीख को शुक्ल पक्ष की द्वितीया (दूज) तिथि और 23 तारीख को कृष्ण पक्ष की द्वितीया (दूज) तिथि है।
8. अगस्त में द्वितीया (दूज) तिथि कब है?
अगस्त 2024 महीने में 6 तारीख को शुक्ल पक्ष की द्वितीया (दूज) तिथि और 21 तारीख को कृष्ण पक्ष की द्वितीया (दूज) तिथि है।
9. सितम्बर में द्वितीया (दूज) तिथि कब है Dwitiya (Dooj) Kab Hai?
सितम्बर 2024 महीने में 5 तारीख को शुक्ल पक्ष की द्वितीया (दूज) और 19 तारीख को कृष्ण पक्ष की द्वितीया (दूज) तिथि है।
10. अक्टूबर में द्वितीया (दूज) तिथि कब है?
अक्टूबर 2024 महीने में 4 तारीख को शुक्ल पक्ष की द्वितीया (दूज) तिथि और 19 तारीख को कृष्ण पक्ष की द्वितीया (दूज) तिथि है।
11. नवंबर में द्वितीया (दूज) तिथि कब है Dwitiya (Dooj) Kab Hai?
नवंबर 2024 महीने में 2 तारीख को शुक्ल पक्ष की द्वितीया (दूज) तिथि और 17 तारीख को कृष्ण पक्ष की द्वितीया (दूज) तिथि है।
12. दिसंबर में द्वितीया (दूज) तिथि कब है?
दिसंबर 2024 महीने में 3 तारीख को शुक्ल पक्ष की द्वितीया (दूज) तिथि और 17 तारीख को कृष्ण पक्ष की द्वितीया (दूज) तिथि है।
इस महीने की अन्य तिथियाँ
हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर चंद्र मास में दो पक्ष होते हैं – शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। प्रत्येक पक्ष में 15 तिथियां होती हैं। इनमें से 14 तिथियां दोनों पक्षों में एक जैसी होती हैं।
लेकिन, ध्यान देने वाली बात यह है कि कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि अमावस्या कहलाती है, जबकि शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि को पूर्णिमा कहते हैं। इस साल की अन्य महत्वपूर्ण तिथियां नीचे दी गई हैं –