(Tritiya) Teej Kab Hai December 2024 : तृतीया (तीज) तिथि हिन्दू पंचांग का एक महत्वपूर्ण दिन है। यह हर महीने के तीसरे दिन को दर्शाता है। तृतीया (तीज) का मतलब होता है ‘तीसरा दिन‘, जो हर महीने के चंद्र माह का तीसरा दिन होता है।
इस दिन का धार्मिक, सांस्कृतिक और ज्योतिषीय महत्व होता है। तृतीया (तीज) या दौज तिथि के नाम से जाने वाले इस दिन कई धार्मिक अनुष्ठान, व्रत और पूजा होती हैं। हिन्दू धर्म में इसे बहुत ही पवित्र माना जाता है। आईए जानते हैं की इस वर्ष विभिन्न महीनों में तृतीया (तीज) कब है (Tritiya) Teej Kab Hai
तृतीया (तीज) कब है (Tritiya) Teej Kab Hai
वर्ष 2024 के जनवरी से दिसंबर तक की तृतीया (तीज) तिथि की जानकारी नीचे दी गई तालिकाओं में उपलब्ध है। आइए, हिंदू कैलेंडर के अनुसार देखें कि इस वर्ष हर महीने तृतीया (तीज) तिथि कब-कब आती है।
जनवरी महीने मे तृतीया (तीज) कब है (Tritiya) Teej Kab Hai?
माह | दिनांक | पक्ष | समय |
जनवरी | 13 जनवरी | शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि | 13 जनवरी, प्रातः 11:11 14 जनवरी, प्रातः 8:00 बजे |
जनवरी | 28 जनवरी | कृष्ण पक्ष (तृतीया तिथि ) | 28 जनवरी, 3:37 पूर्वाह्न 29 जनवरी, 6:11 पूर्वाह्न |
फरवरी महीने मे तृतीया (तीज) कब है (Tritiya) Teej Kab Hai?
माह | दिनांक | पक्ष | समय |
फरवरी | 11 फरवरी | शुक्ल पक्ष (तृतीया तिथि ) | 11 फरवरी 9:09 अपराह्न 12 फरवरी, 5:44 अपराह्न |
फरवरी | 26 फरवरी | कृष्ण पक्ष (तृतीया तिथि ) | 26 फरवरी, 11:16 अपराह्न 28 फरवरी, 1:53 पूर्वाह्न |
मार्च महीने मे तृतीया (तीज) कब है (Tritiya) Teej Kab Hai?
माह | दिनांक | पक्ष | समय |
मार्च | 12 मार्च | शुक्ल पक्ष (तृतीया तिथि ) | 12 मार्च , प्रातः 7:13 मार्च 13, प्रातः 4:04 |
मार्च | 27 मार्च | कृष्ण पक्ष (तृतीया तिथि ) | 27 मार्च, शाम 5:06 मार्च 28, शाम 6:57 |
अप्रेल महीने मे तृतीया (तीज) कब है (Tritiya) Teej Kab Hai?
माह | दिनांक | पक्ष | समय |
अप्रैल | 10 अप्रैल | शुक्ल पक्ष (तृतीया तिथि ) | 10 अप्रैल, 5:32 अपराह्न 11 अप्रैल, 3:03 अपराह्न |
अप्रैल | 26 अप्रैल | कृष्ण पक्ष (तृतीया तिथि ) | 26 अप्रैल, प्रातः 7:46 अप्रैल 27, प्रातः 8:18 |
मई महीने मे तृतीया (तीज) कब है (Tritiya) Teej Kab Hai?
माह | दिनांक | पक्ष | समय |
मई | 10 मई | शुक्ल पक्ष (तृतीया तिथि ) | 10 मई, 4:18 पूर्वाह्न 11 मई, 2:50 पूर्वाह्न |
मई | 25 मई | कृष्ण पक्ष (तृतीया तिथि ) | 25 मई, शाम 6:58 मई 26, शाम 6:06 |
जून महीने मे तृतीया (तीज) कब है (Tritiya) Teej Kab Hai?
माह | दिनांक | पक्ष | समय |
जून | 08 जून | शुक्ल पक्ष (तृतीया तिथि ) | 08 जून, 3:56 अपराह्न 09 जून, 3:44 अपराह्न |
जून | 24 जून | कृष्ण पक्ष (तृतीया तिथि ) | 24 जून, 3:26 पूर्वाह्न 25 जून, 1:23 पूर्वाह्न |
जुलाई महीने मे तृतीया (तीज) कब है (Tritiya) Teej Kab Hai?
माह | दिनांक | पक्ष | समय |
जुलाई | 08 जुलाई | शुक्ल पक्ष (तृतीया तिथि ) | 08 जुलाई, प्रातः 5:00 09 जुलाई, प्रातः 6:09 |
जुलाई | 23 जुलाई | कृष्ण पक्ष (तृतीया तिथि ) | 23 जुलाई, प्रातः 10:23 24 जुलाई, प्रातः 7:30 |
अगस्त महीने मे तृतीया (तीज) कब है (Tritiya) Teej Kab Hai?
माह | दिनांक | पक्ष | समय |
अगस्त | 06 अगस्त | शुक्ल पक्ष (तृतीया तिथि ) | 06 अगस्त, 7:52 अपराह्न 07 अगस्त, 10:06 अपराह्न |
अगस्त | 21 अगस्त | कृष्ण पक्ष (तृतीया तिथि ) | तृतीया 21 अगस्त, 5:07 अपराह्न 22 अगस्त, 1:46 अपराह्न |
सितंबर महीने मे तृतीया (तीज) कब है (Tritiya) Teej Kab Hai?
माह | दिनांक | पक्ष | समय |
सितंबर | 05 सितंबर | शुक्ल पक्ष (तृतीया तिथि ) | 05 सितंबर, 12:21 अपराह्न 06 सितंबर, 3:01 अपराह्न |
सितंबर | 20 सितंबर | कृष्ण पक्ष (तृतीया तिथि ) | 0 सितंबर, 12:40 पूर्वाह्न 20 सितंबर, 9:15 अपराह्न |
अक्टूबर महीने मे तृतीया (तीज) कब है (Tritiya) Teej Kab Hai?
माह | दिनांक | पक्ष | समय |
अक्टूबर | 05 अक्टूबर | शुक्ल पक्ष (तृतीया तिथि ) | 05 अक्टूबर, प्रातः 5:31 06 अक्टूबर, प्रातः 7:49 |
अक्टूबर | 19 अक्टूबर | कृष्ण पक्ष (तृतीया तिथि ) | 19 अक्टूबर, प्रातः 9:49 20 अक्टूबर, प्रातः 6:46 |
नवंबर महीने मे तृतीया (तीज) कब है (Tritiya) Teej Kab Hai?
माह | दिनांक | पक्ष | समय |
नवंबर | 03 नवंबर | शुक्ल पक्ष (तृतीया तिथि ) | 03 नवंबर, 10:05 अपराह्न 04 नवंबर, 11:24 अपराह्न |
नवंबर | 17 नवंबर | कृष्ण पक्ष (तृतीया तिथि ) | 7 नवंबर, 9:06 अपराह्न 18 नवंबर, 6:56 अपराह्न |
दिसम्बर महीने मे तृतीया (तीज) कब है (Tritiya) Teej Kab Hai?
माह | दिनांक | पक्ष | समय |
दिसंबर | 03 दिसंबर | शुक्ल पक्ष (तृतीया तिथि ) | 03 दिसंबर, 1:09 अपराह्न – 04 दिसंबर, 1:10 अपराह्न |
दिसंबर | 17 दिसंबर | कृष्ण पक्ष (तृतीया तिथि ) | 17 दिसंबर, 10:56 पूर्वाह्न – 18 दिसंबर, 10:06 पूर्वाह्न |
तृतीया (तीज) तिथि का क्या महत्व है?
तृतीया (तीज) तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह तिथि धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। तृतीया तिथि हर महीने के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों में आती है। इस तिथि को विशेष रूप से महिलाओं के त्योहारों और व्रतों के लिए जाना जाता है।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
तृतीया तिथि को विभिन्न धार्मिक पर्वों और त्योहारों के रूप में मनाया जाता है। खासकर तीज पर्व, जो विशेष रूप से महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है। तीज के दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। तीज पर्व के दौरान महिलाएं सोलह श्रृंगार करके, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं।
तीज पर्व
तीज पर्व मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं:
- हरियाली तीज: यह सावन महीने में मनाई जाती है और भगवान शिव और माता पार्वती की पुनर्मिलन की खुशी में मनाई जाती है।
- कजरी तीज: भाद्रपद महीने में मनाई जाती है, और इसमें विशेष रूप से वृंदावन और मथुरा में झूले का आनंद लिया जाता है।
- हरतालिका तीज: यह भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करती हैं।
धार्मिक अनुष्ठान और पूजन विधि
तृतीया तिथि पर महिलाएं सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करती हैं। फिर वे मंदिर जाकर या घर पर ही भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा के सामने दीपक जलाकर, फूल, धूप, और मिठाई अर्पित करती हैं। इस दिन विशेष रूप से कथा का श्रवण किया जाता है और आरती उतारी जाती है। पूजा के बाद महिलाएं अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
ज्योतिषीय महत्व
तृतीया तिथि को ज्योतिष शास्त्र में भी महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली और स्थायित्व आता है। इस दिन व्रत और पूजा करने से ग्रह दोषों का निवारण होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
तृतीया तिथि और सामाजिक महत्व
तृतीया तिथि महिलाओं के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस दिन महिलाएं एकत्र होकर गीत-संगीत का आनंद लेती हैं, झूला झूलती हैं और विभिन्न पारंपरिक खेलों का आयोजन करती हैं। तीज पर्व महिलाओं के आपसी मेलजोल और सामाजिक बंधनों को मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है।
तृतीया (तीज) तिथि किस देवता को समर्पित है?
तृतीया (तीज) तिथि का महत्व केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी अत्यधिक है। इस तिथि के साथ जुड़े विशेष योग और उनके प्रभाव महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
तृतीया तिथि और सिद्ध योग
यदि किसी पक्ष में तृतीया तिथि मंगलवार को पड़ती है, तो इसे सिद्ध योग कहते हैं। इस योग के दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही होती है क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है। सिद्ध योग के समय में किए गए कार्यों से वांछित फल की प्राप्ति नहीं होती है और इसके विपरीत परिणाम हो सकते हैं।
मृत्यु योग
यदि किसी माह में तृतीया तिथि दोनों पक्षों में बुधवार को पड़ती है, तो इसे मृत्यु योग कहा जाता है। हालांकि, इस योग के दौरान शुभ कार्य करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। यह योग अपने नाम के विपरीत शुभ परिणाम देता है और इस समय में किए गए कार्यों से जीवन में सफलता और समृद्धि आती है।
भाद्रपद माह और शून्य तृतीया
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, भाद्रपद माह की तृतीया तिथि को शून्य माना जाता है। इसी प्रकार, चंद्रमा के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि भी शून्य मानी जाती है। इस तिथि का पालन विशेष ध्यान और सावधानी के साथ करना चाहिए।
शिववास और द्यूतक्रीड़ा
शिववास सभा के अनुसार, कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को भगवान भोलेनाथ द्यूतक्रीड़ा में होते हैं। इस कारण से, इन दोनों पक्षों की तृतीया तिथि को किसी भी शुभ कार्य को करने से बचना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस समय किए गए कार्यों से वांछित फल प्राप्त नहीं होते हैं और कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
निष्कर्ष
तृतीया (तीज) तिथि का धार्मिक, सांस्कृतिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से गहरा महत्व है। इस तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के साथ-साथ विशेष योग और उनकी मान्यताओं का ध्यान रखना भी आवश्यक है।
सिद्ध योग और मृत्यु योग जैसी स्थितियों को समझकर ही शुभ कार्यों का निर्णय लेना चाहिए। शिववास और शून्य तृतीया जैसी मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए तृतीया तिथि का पालन करना अत्यंत शुभ और फलदायी होता है।
FAQ
1. जनवरी में तृतीया (तीज) तिथि कब है (Tritiya) Teej Kab Hai?
जनवरी महीने में 14 तारीख को शुक्ल पक्ष की तृतीया (तीज) तिथि और 28 तारीख को कृष्ण पक्ष की तृतीया (तीज) तिथि है।
2. फरवरी में तृतीया (तीज) तिथि कब है?
फरवरी महीने में 12 तारीख को शुक्ल पक्ष की तृतीया (तीज) तिथि और 27 तारीख को कृष्ण पक्ष की तृतीया (तीज) तिथि है।
3. मार्च में तृतीया (तीज) तिथि कब है (Tritiya) Teej Kab Hai?
इस साल मार्च महीने में 12 तारीख को शुक्ल पक्ष की तृतीया (तीज) तिथि और 28 तारीख को कृष्ण पक्ष की तृतीया (तीज) तिथि है।
4. अप्रैल में तृतीया (तीज) तिथि कब है?
अप्रैल महीने में 11 तारीख को शुक्ल पक्ष की तृतीया (तीज) तिथि और 27 तारीख को कृष्ण पक्ष की तृतीया (तीज) तिथि है।
5. मई में तृतीया (तीज) तिथि कब है (Tritiya) Teej Kab Hai?
मई 2024 महीने में 10 तारीख को शुक्ल पक्ष की तृतीया (तीज) तिथि और 26 तारीख को कृष्ण पक्ष की तृतीया (तीज) तिथि है।
6. जून में तृतीया (तीज) तिथि कब है?
जून 2024 महीने में 9 तारीख को शुक्ल पक्ष की तृतीया (तीज) तिथि और 24 तारीख को कृष्ण पक्ष की तृतीया (तीज) तिथि है।
7. जुलाई में तृतीया (तीज) तिथि कब है (Tritiya) Teej Kab Hai?
जुलाई 2024 महीने में 8 व 9 तारीख को शुक्ल पक्ष की तृतीया (तीज) तिथि और 24 तारीख को कृष्ण पक्ष की तृतीया (तीज) तिथि है।
8. अगस्त में तृतीया (तीज) तिथि कब है?
अगस्त 2024 महीने में 7 तारीख को शुक्ल पक्ष की तृतीया (तीज) तिथि और 22 तारीख को कृष्ण पक्ष की तृतीया (तीज) तिथि है।
9. सितम्बर में तृतीया (तीज) तिथि कब है (Tritiya) Teej Kab Hai?
सितम्बर 2024 महीने में 6 तारीख को शुक्ल पक्षकी तृतीया (तीज) तिथि और 20 तारीख को कृष्ण पक्ष की तृतीया (तीज) तिथि है।
10. अक्टूबर में तृतीया (तीज) तिथि कब है?
अक्टूबर 2024 महीने में 5 व 6 तारीख को शुक्ल पक्ष की तृतीया (तीज) तिथि और 20 तारीख को कृष्ण पक्ष की तृतीया (तीज) तिथि है।
11. नवंबर में तृतीया (तीज) तिथि कब है (Tritiya) Teej Kab Hai?
नवंबर 2024 महीने में 4 तारीख को शुक्ल पक्ष की तृतीया (तीज) तिथि और 18 तारीख को कृष्ण पक्ष की तृतीया (तीज) तिथि है।
12. दिसंबर में तृतीया (तीज) तिथि कब है?
दिसंबर 2024 महीने में 4 तारीख को शुक्ल पक्ष की तृतीया (तीज) तिथि और 18 तारीख को कृष्ण पक्ष की तृतीया (तीज) तिथि है।
इस महीने की अन्य तिथियाँ
हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर चंद्र मास में दो पक्ष होते हैं – शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। प्रत्येक पक्ष में 15 तिथियां होती हैं। इनमें से 14 तिथियां दोनों पक्षों में एक जैसी होती हैं।
लेकिन, ध्यान देने वाली बात यह है कि कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि अमावस्या कहलाती है, जबकि शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि को पूर्णिमा कहते हैं। इस साल की अन्य महत्वपूर्ण तिथियां नीचे दी गई हैं –