Amavasya Kab Hai? October 2025 : अमावस्या तिथि यानि अमावस तिथि हिन्दू पंचांग का एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। यह हर महीने के कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन को दर्शाता है। अमावस का मतलब होता है ‘अंधेरे पखवाड़े का दिन‘, जो हर महीने के कृष्ण पक्ष का पन्द्रहवा और विशेष दिन होता है।
इस दिन का धार्मिक, सांस्कृतिक और ज्योतिषीय महत्व होता है। अमावस्या तिथि या अमावस तिथि के नाम से जाने वाले इस दिन कई धार्मिक अनुष्ठान, व्रत और पूजा होती हैं। हिन्दू धर्म में इसे बहुत ही पवित्र माना जाता है। भगवान श्री कृष्ण का जन्म भी इसी तिथि को हुआ था । आईए जानते हैं की इस वर्ष विभिन्न महीनों में अमावस्या कब है Amavasya Kab Hai
अमावस्या कब है Amavasya Kab Hai ?
वर्ष 2025 के जनवरी से दिसंबर तक की अमावस्या तिथि की जानकारी नीचे दी गई तालिकाओं में उपलब्ध है। आइए, हिंदू कैलेंडर के अनुसार देखें कि इस वर्ष हर महीने अमावस्या या अमावस तिथि कब-कब आती (Amavasya Kab Hai?) है।
जनवरी महीने मे अमावस्या तिथि या अमावस कब है Amavasya Kab Hai?
| तारीख | पक्ष | दिन | विशेष नाम | तिथि समय (IST) |
|---|---|---|---|---|
| 29 जनवरी 2025 | कृष्ण पक्ष अमावस्या | बुधवार | मौनी अमावस्या | 28 जनवरी 7:35 PM – 29 जनवरी 6:05 PM |
फरवरी महीने मे अमावस्या कब है Amavasya Kab Hai?
| तारीख | पक्ष | दिन | तिथि समय (IST) |
|---|---|---|---|
| 27 फरवरी 2025 | कृष्ण पक्ष अमावस्या | गुरुवार | 27 फरवरी 8:54 AM – 28 फरवरी 6:14 AM |
मार्च महीने मे अमावस्या कब है Amavasya Kab Hai?
| तारीख | पक्ष | दिन | तिथि समय (IST) |
|---|---|---|---|
| 29 मार्च 2025 | कृष्ण पक्ष अमावस्या | शनिवार | 28 मार्च 7:55 PM – 29 मार्च 4:27 PM |
अप्रेल महीने मे अमावस्या कब है Amavasya Kab Hai?
| तारीख | पक्ष | दिन | तिथि समय (IST) |
|---|---|---|---|
| 27 अप्रैल 2025 | कृष्ण पक्ष अमावस्या | रविवार | 27 अप्रैल 4:49 AM – 28 अप्रैल 1:00 AM |
मई महीने मे अमावस्या कब है Amavasya Kab Hai?
| तारीख | पक्ष | दिन | विशेष नाम | तिथि समय (IST) |
|---|---|---|---|---|
| 26 मई 2025 | कृष्ण पक्ष अमावस्या | सोमवार | भौमवती अमावस्या | 26 मई 12:11 PM – 27 मई 8:31 AM |
जून महीने मे अमावस्या कब है Amavasya Kab Hai?
| तारीख | पक्ष | दिन | तिथि समय (IST) |
|---|---|---|---|
| 25 जून 2025 | कृष्ण पक्ष अमावस्या | बुधवार | 24 जून 6:59 PM – 25 जून 4:00 PM |
जुलाई महीने मे अमावस्या कब है Amavasya Kab Hai?
| तारीख | पक्ष | दिन | विशेष नाम | तिथि समय (IST) |
|---|---|---|---|---|
| 24 जुलाई 2025 | कृष्ण पक्ष अमावस्या | गुरुवार | हरियाली अमावस्या | 24 जुलाई 2:28 AM – 25 जुलाई 12:40 AM |
अगस्त महीने मे अमावस्या कब है Amavasya Kab Hai?
| तारीख | पक्ष | दिन | विशेष नाम | तिथि समय (IST) |
|---|---|---|---|---|
| 22 अगस्त 2025 | कृष्ण पक्ष अमावस्या | शुक्रवार | शनि अमावस्या | 22 अगस्त 11:55 AM – 23 अगस्त 11:35 AM |
सितंबर महीने मे अमावस्या कब है Amavasya Kab Hai?
| तारीख | पक्ष | दिन | विशेष नाम | तिथि समय (IST) |
|---|---|---|---|---|
| 21 सितंबर 2025 | कृष्ण पक्ष अमावस्या | रविवार | महालया अमावस्या | 21 सितंबर 12:16 AM – 22 सितंबर 1:23 AM |
अक्टूबर महीने मे अमावस्या कब है Amavasya Kab Hai?
| तारीख | पक्ष | दिन | विशेष नाम | तिथि समय (IST) |
|---|---|---|---|---|
| 21 अक्टूबर 2025 | कृष्ण पक्ष अमावस्या | मंगलवार | भौमवती अमावस्या | 20 अक्टूबर 3:44 PM – 21 अक्टूबर 5:54 PM |
नवंबर महीने मे अमावस्या कब है Amavasya Kab Hai?
| तारीख | पक्ष | दिन | तिथि समय (IST) |
|---|---|---|---|
| 20 नवंबर 2025 | कृष्ण पक्ष अमावस्या | गुरुवार | 19 नवंबर 9:43 AM – 20 नवंबर 12:16 PM |
दिसम्बर महीने मे अमावस्या कब है Amavasya Kab Hai?
| तारीख | पक्ष | दिन | तिथि समय (IST) |
|---|---|---|---|
| 19 दिसंबर 2025 | कृष्ण पक्ष अमावस्या | शुक्रवार | 19 दिसंबर 4:59 AM – 20 दिसंबर 7:12 AM |
पूर्णिमा तिथि व्रत की सूची 2025 (Amavasya Vrat List 2025)
अब तक हमने जाना की अमावस्या कब है Amavasya Kab Hai और 2025 के सभी अमावस्या व्रत कब है, आईए अब आगे जानते हैं की अमावस्या तिथि का क्या महत्व है।
अमावस्या तिथि (Amavasya Titihi) का क्या महत्व है?

पूर्णिमा तिथि का हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व है। यह तिथि हर महीने के शुक्ल पक्ष की पंद्रहवीं तिथि को आती है और इसे धार्मिक अनुष्ठानों, व्रतों, और त्योहारों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन को भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी, और चंद्रमा की पूजा के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।
ऊपर दिए गए अमावस्या व्रत लिस्ट 2025 में हमने जाना की अमावस्या कब है Amavasya kab hai, अब आगे जानते हैं अमावस्या पूजा विधि और व्रत कथा।
अमावस्या तिथि का हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व है। यह तिथि हर महीने के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को आती है और इसे धार्मिक अनुष्ठानों, व्रतों, और त्योहारों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। अमावस्या तिथि विशेष रूप से पितरों (पूर्वजों) की पूजा और तर्पण के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।
अमावस्या तिथि (Amavasya Titihi) का धार्मिक महत्व
पितृ तर्पण और श्राद्ध
अमावस्या तिथि पर पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने का विशेष महत्व है। इस दिन लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। पितरों के तर्पण से उनकी आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है और परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है।
व्रत और उपवास
अमावस्या तिथि पर व्रत और उपवास रखने का भी विशेष महत्व है। इस दिन लोग पूरे दिन उपवास रखते हैं और भगवान शिव, देवी काली, या पितरों की पूजा करते हैं। यह व्रत शारीरिक और मानसिक शुद्धि के लिए किया जाता है।
प्रमुख अमावस्या
मौनी अमावस्या व्रत कथा
माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग गंगा स्नान करते हैं और मौन व्रत रखते हैं। इस दिन का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि यह दिन साधना और तपस्या के लिए उत्तम माना जाता है।
सोमवती अमावस्या
जब अमावस्या तिथि सोमवार को पड़ती है, तब उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इस दिन का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि इसे अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती हैं।
शनि अमावस्या
जब अमावस्या तिथि शनिवार को पड़ती है, तब उसे शनि अमावस्या कहा जाता है। इस दिन का महत्व इसलिए है क्योंकि इसे शनि दोष और कष्टों से मुक्ति पाने के लिए विशेष माना जाता है।
अमावस्या तिथि (Amavasya Titihi) का ज्योतिषीय महत्व
शुभ और अशुभ योग
अमावस्या तिथि पर यदि विशेष योग बनते हैं, तो उनका ज्योतिषीय महत्व भी होता है। जैसे कि ग्रहण योग, सर्वार्थ सिद्धि योग आदि। इन योगों में किए गए कार्यों का विशेष फल मिलता है।
धार्मिक कथाएँ
पितृ पूजा की कथा
अमावस्या तिथि पर पितरों की पूजा की कथा के अनुसार, इस दिन पितरों की आत्मा धरती पर आती है और अपने वंशजों से तर्पण और श्राद्ध की अपेक्षा करती है। इसलिए इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष पूजा की जाती है।
Amavasya vrat katha | अमावस्या की कथा
निष्कर्ष
अमावस्या तिथि का धार्मिक, ज्योतिषीय और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है। इस तिथि पर किए गए व्रत, उपवास, और पूजा-अर्चना से व्यक्ति को सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। पितृ तर्पण, श्राद्ध, और विशेष पर्व इस तिथि पर मनाए जाते हैं, जो धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं।
आपके पूरे सहयोग से हमने इस पोस्ट मे जाना की अमावस्या व्रत लिस्ट 2025 और अमावस्या कब है (Amavasya Kab Hai) और अमावस्या व्रत कथा पूजा विधि की जानकारी पाई।
FAQ अमावस्या व्रत लिस्ट 2025 और अमावस्या कब है (Amavasya Kab Hai)
1. जनवरी में अमावस्या तिथि अमावस कब है Amavasya Kab Hai?
जनवरी 2025 में 29 जनवरी 2025 को कृष्ण पक्ष की अमावस्या (मौनी अमावस्या) है।
2. फरवरी में अमावस्या तिथि अमावस कब है? Amavasya Kab Hai?
फरवरी 2025 में 27 फरवरी 2025 को कृष्ण पक्ष की अमावस्या है।
3. मार्च में अमावस्या तिथि अमावस कब है Amavasya Kab Hai?
मार्च 2025 में 29 मार्च 2025 को कृष्ण पक्ष की अमावस्या है।
4. अप्रैल में सोमवती अमावस्या तिथि अमावस कब है? Amavasya Kab Hai?
अप्रैल 2025 में 27 अप्रैल 2025 को कृष्ण पक्ष की अमावस्या है।
5. मई में अमावस्या तिथि अमावस कब है Amavasya Kab Hai?
मई 2025 में 26 मई 2025 को कृष्ण पक्ष की अमावस्या (भौमवती अमावस्या) है।
6. जून में अमावस्या तिथि अमावस कब है? Amavasya Kab Hai?
जून 2025 में 25 जून 2025 को कृष्ण पक्ष की अमावस्या है।
7. जुलाई में अमावस्या तिथि अमावस कब है Amavasya Kab Hai?
जुलाई 2025 में 24 जुलाई 2025 को कृष्ण पक्ष की अमावस्या (हरियाली अमावस्या) है।
8. अगस्त में अमावस्या तिथि अमावस कब है? Amavasya Kab Hai?
अगस्त 2025 में 22 अगस्त 2025 को कृष्ण पक्ष की अमावस्या (शनि अमावस्या) है।
9. सितम्बर में महालया अमावस्या तिथि अमावस कब है Amavasya Kab Hai?
सितंबर 2025 में 21 सितंबर 2025 को कृष्ण पक्ष की अमावस्या (महालया अमावस्या) है।
10. अक्टूबर में अमावस्या तिथि अमावस कब है? Amavasya Kab Hai?
अक्टूबर 2025 में 21 अक्टूबर 2025 को कृष्ण पक्ष की अमावस्या (भौमवती अमावस्या) है。
11. नवंबर में अमावस्या तिथि अमावस कब है Amavasya Kab Hai?
नवंबर 2025 में 20 नवंबर 2025 को कृष्ण पक्ष की अमावस्या है.
12. दिसंबर में अमावस्या तिथि अमावस कब है? Amavasya Kab Hai?
दिसंबर 2025 में 19 दिसंबर 2025 को कृष्ण पक्ष की अमावस्या है。
इस महीने की अन्य तिथियाँ
हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर चंद्र मास में दो पक्ष होते हैं – शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। प्रत्येक पक्ष में 15 तिथियां होती हैं। इनमें से 14 तिथियां दोनों पक्षों में एक जैसी होती हैं।
लेकिन, ध्यान देने वाली बात यह है कि कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि अमावस्या कहलाती है, जबकि शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि को पूर्णिमा कहते हैं। इस साल की अन्य महत्वपूर्ण तिथियां नीचे दी गई हैं –
