Dwadashi Kab Hai ? December 2024 : द्वादशी तिथि यानि बारस तिथि हिन्दू पंचांग का एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। यह हर महीने के बाहरवे दिन को दर्शाता है। बारस का मतलब होता है ‘बाहरवाँ दिन‘, जो हर महीने के चंद्र माह का बाहरवाँ और विशेष दिन होता है।
इस दिन का धार्मिक, सांस्कृतिक और ज्योतिषीय महत्व होता है। द्वादशी तिथि या बारस तिथि के नाम से जाने वाले इस दिन कई धार्मिक अनुष्ठान, व्रत और पूजा होती हैं। हिन्दू धर्म में इसे बहुत ही पवित्र माना जाता है। आईए जानते हैं की इस वर्ष विभिन्न महीनों में द्वादशी कब है Dwadashi Kab Hai
द्वादशी कब है Dwadashi Kab Hai?
वर्ष 2024 के जनवरी से दिसंबर तक की द्वादशी तिथि की जानकारी नीचे दी गई तालिकाओं में उपलब्ध है। आइए, हिंदू कैलेंडर के अनुसार देखें कि इस वर्ष हर महीने द्वादशी या बारस तिथि कब-कब आती (Dwadashi Kab Hai?) है।
जनवरी महीने मे द्वादशी तिथि या बारस कब है Dwadashi Kab Hai?
माह | दिनांक | चंद्रपक्ष | समय |
जनवरी | 08 जनवरी | कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि | 08 जनवरी, 12:46 पूर्वाह्न 08 जनवरी, 11:59 अपराह्न |
जनवरी | 21 जनवरी | शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि | 21 जनवरी, शाम 7:27 22 जनवरी, शाम 7:52 |
फरवरी महीने मे द्वादशी कब है Dwadashi Kab Hai?
माह | दिनांक | चंद्रपक्ष | समय |
फरवरी | 06 फरवरी | कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि | 06 फरवरी, 4:07 अपराह्न 07 फरवरी, 2:02 अपराह्न |
फरवरी | 20 फरवरी | शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि | 20 फरवरी, सुबह 9:56 बजे 21 फरवरी, सुबह 11:28 बजे तक |
मार्च महीने मे द्वादशी कब है Dwadashi Kab Hai?
माह | दिनांक | चंद्रपक्ष | समय |
मार्च | 07 मार्च | कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि | मार्च 07, प्रातः 4:14 मार्च 08, प्रातः 1:20 |
मार्च | 21मार्च | शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि | मार्च 21, 2:23 पूर्वाह्न मार्च 22, प्रातः 4:44 |
अप्रेल महीने मे द्वादशी कब है Dwadashi Kab Hai?
माह | दिनांक | चंद्रपक्ष | समय |
अप्रैल | 05 अप्रैल | कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि | अप्रैल 05, दोपहर 1:29 बजे अप्रैल 06, सुबह 10:19 बजे |
अप्रैल | 19 अप्रैल | शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि | 19 अप्रैल, 8:05 अपराह्न 20 अप्रैल, 10:42 अपराह्न |
मई महीने मे द्वादशी कब है Dwadashi Kab Hai?
माह | दिनांक | चंद्रपक्ष | समय |
मई | 04 मई, | कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि | 04 मई, 8:39 अपराह्न 05 मई, 5:42 अपराह्न |
मई | 19 मई | शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि | 19 मई, दोपहर 1:50 बजे 20 मई, दोपहर 3:59 बजे तक |
जून महीने मे द्वादशी कब है Dwadashi Kab Hai?
माह | दिनांक | चंद्रपक्ष | समय |
जून | 03 जून | कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि | 03 जून, 2:41 पूर्वाह्न 04 जून, 12:18 पूर्वाह्न |
जून | 18 जून | शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि | 18 जून, प्रातः 6:25 19 जून, प्रातः 7:28 |
जुलाई महीने मे द्वादशी कब है Dwadashi Kab Hai?
माह | दिनांक | चंद्रपक्ष | समय |
जुलाई | 02 जुलाई, | कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि | 02 जुलाई, प्रातः 8:42 03 जुलाई, प्रातः 7:10 |
जुलाई | 17 जुलाई | शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि | 17 जुलाई, रात्रि 9:03 जुलाई 18, रात्रि 8:44 |
जुलाई | 31 जुलाई | कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि | 31 जुलाई, 3:56 अपराह्न 01 अगस्त, 3:29 अपराह्न |
अगस्त महीने मे द्वादशी कब है Dwadashi Kab Hai?
माह | दिनांक | चंद्रपक्ष | समय |
अगस्त | 16 अगस्त | शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि | 16 अगस्त, प्रातः 9:40 17 अगस्त, प्रातः 8:06 |
अगस्त | 30 अगस्त | कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि | 30 अगस्त, 1:38 पूर्वाह्न 31 अगस्त, 2:25 पूर्वाह्न |
सितंबर महीने मे द्वादशी कब है Dwadashi Kab Hai?
माह | दिनांक | चंद्रपक्ष | समय |
सितंबर | 14 सितंबर, | शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि | 14 सितंबर, 8:41 अपराह्न 15 सितंबर, 6:12 अपराह्न |
सितंबर | 28 सितंबर | कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि | 28 सितंबर, 2:50 अपराह्न 29 सितंबर, 4:48 अपराह्न |
अक्टूबर महीने मे द्वादशी कब है Dwadashi Kab Hai?
माह | दिनांक | चंद्रपक्ष | समय |
अक्टूबर | 14 अक्टूबर | शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि | 14 अक्टूबर, प्रातः 6:41 15 अक्टूबर, प्रातः 3:42 |
अक्टूबर | 28 अक्टूबर | कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि | 28 अक्टूबर, प्रातः 7:51 29 अक्टूबर, प्रातः 10:32 |
नवंबर महीने मे द्वादशी कब है Dwadashi Kab Hai?
माह | दिनांक | चंद्रपक्ष | समय |
नवंबर | 12 नवंबर | शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि | 12 नवंबर, 4:05 अपराह्न 13 नवंबर, 1:01 अपराह्न |
नवंबर | 27 नवंबर | कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि | 27 नवंबर, 3:48 पूर्वाह्न 28 नवंबर, 6:24 पूर्वाह्न |
दिसम्बर महीने मे द्वादशी कब है Dwadashi Kab Hai?
माह | दिनांक | चंद्रपक्ष | समय |
दिसंबर | 12 दिसंबर | शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि | 12 दिसंबर, 1:09 पूर्वाह्न 12 दिसंबर, 10:26 अपराह्न |
दिसंबर | 27 दिसंबर | कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि | 27 दिसंबर, 12:44 पूर्वाह्न 28 दिसंबर, 2:27 पूर्वाह्न |
द्वादशी तिथि व्रत की सूची 2024 (Dwadashi Vrat List 2024)
अब तक हमने जाना की द्वादशी कब है Dwadashi Kab Hai और 2024 के सभी द्वादशी व्रत कब है, आईए अब आगे जानते हैं की द्वादशी तिथि का क्या महत्व है।
द्वादशी तिथि (Dwadashi Titihi) का क्या महत्व है?
द्वादशी तिथि या बारस तिथि का हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह तिथि हर महीने के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों में आती है और इसे व्रत, पूजा, और दान के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। द्वादशी तिथि विशेष रूप से भगवान विष्णु और उनके अवतारों की पूजा के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।
ऊपर दिए गए द्वादशी व्रत लिस्ट 2024 में हमने जाना की द्वादशी कब है Dwadashi kab hai, अब आगे जानते हैं एकादशी पूजा विधि और व्रत कथा।
द्वादशी तिथि (Dwadashi Titihi) का धार्मिक महत्व
व्रत और उपवास
द्वादशी तिथि पर व्रत रखने की परंपरा है और इसे भगवान विष्णु को समर्पित किया जाता है। एकादशी व्रत के अगले दिन द्वादशी व्रत का पालन किया जाता है, जिसे पारणा कहते हैं। इस दिन व्रतधारी भक्तगण व्रत खोलते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं।
भगवान विष्णु की पूजा
द्वादशी तिथि को भगवान विष्णु और उनके विभिन्न अवतारों की विशेष पूजा की जाती है। भक्तगण दिन भर भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करते हैं और उनके नाम का स्मरण करते हैं। भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते, फल, फूल, धूप, दीप और प्रसाद अर्पित किया जाता है।
द्वादशी तिथि (Dwadashi Titihi) की पूजा विधि
- स्नान और शुद्धि: द्वादशी तिथि पर प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थान की तैयारी: पूजा स्थल को शुद्ध करें और वहां भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- मंत्र जाप: भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
- अर्पण: भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते, फल, फूल, धूप, दीप, चंदन और प्रसाद अर्पित करें।
- दान: द्वादशी तिथि पर दान का विशेष महत्व है। इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराना और दान देने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
ज्योतिषीय महत्व और योग
द्वादशी तिथि का ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी विशेष महत्व है और इसमें विशेष योग बनते हैं जो जीवन में विशेष प्रभाव डालते हैं।
शुभ योग
द्वादशी तिथि पर यदि विशेष योग बनते हैं, तो यह अत्यंत शुभ माने जाते हैं। जैसे कि रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग आदि। इन योगों में किए गए कार्य सफल होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं।
द्वादशी तिथि (Dwadashi Titihi) की कथाएं
द्वादशी तिथि से जुड़ी विभिन्न धार्मिक कथाएँ हैं। एक प्रमुख कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने अपने भक्तों के पापों से मुक्ति दिलाने के लिए द्वादशी तिथि का महत्व बताया था। इस दिन व्रत और पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे विष्णुलोक की प्राप्ति होती है।
गोविंद द्वादशी
गोविंद द्वादशी के दिन भगवान कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन भक्तगण भगवान कृष्ण की लीलाओं का स्मरण करते हैं और उनके नाम का कीर्तन करते हैं।
विशेष द्वादशी व्रत
द्वादशी तिथि पर कुछ विशेष व्रतों का भी आयोजन किया जाता है, जैसे:
- पद्मिनी एकादशी: इस द्वादशी को भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और यह व्रत विशेष फलदायी माना जाता है।
- वैष्णव द्वादशी: यह व्रत विशेष रूप से वैष्णव संप्रदाय के अनुयायियों द्वारा किया जाता है और इसमें भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है।
बछ बारस व्रत कथा Dwadashi vrat katha बारस की कथा
निष्कर्ष
द्वादशी तिथि का धार्मिक, ज्योतिषीय और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है। इस तिथि पर व्रत, उपवास, और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना से व्यक्ति को सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। द्वादशी तिथि पर किए गए व्रत और पूजा से व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
आपके पूरे सहयोग से हमने इस पोस्ट मे जाना की द्वादशी व्रत लिस्ट 2024 और द्वादशी कब है (Dwadashi Kab Hai) और एकादशी व्रत कथा पूजा विधि की जानकारी पाई।
FAQ द्वादशी व्रत लिस्ट 2024 और द्वादशी कब है (Dwadashi Kab Hai)
1. जनवरी में बारस द्वादशी तिथि कब है Dwadashi Kab Hai?
जनवरी 2024 महीने में 8 जनवरी 2024 को कृष्ण पक्ष और 22 जनवरी 2024 को शुक्ल पक्ष की बारस तिथि है।
2. फरवरी में बारस द्वादशी तिथि कब है? Dwadashi Kab Hai?
फरवरी 2024 महीने में 7 फरवरी 2024 को कृष्ण पक्ष और 21 फरवरी 2024 को शुक्ल पक्ष की बारस तिथि है।
3. मार्च में बारस द्वादशी तिथि कब है Dwadashi Kab Hai?
मार्च 2024 महीने में 7 मार्च 2024 को कृष्ण पक्ष और 21 मार्च 2024 को शुक्ल पक्ष की बारस तिथि है।
4. अप्रैल में बारस द्वादशी तिथि कब है? Dwadashi Kab Hai?
अप्रैल 2024 महीने में 6 अप्रैल 2024 को कृष्ण पक्ष और 20 अप्रैल 2024 को शुक्ल पक्ष की बारस तिथि है।
5. मई में बारस द्वादशी तिथि कब है Dwadashi Kab Hai?
मई 2024 महीने में 5 मई 2024 को कृष्ण पक्ष और 20 मई 2024 को शुक्ल पक्ष की बारस तिथि है।
6. जून में बारस द्वादशी तिथि कब है? Dwadashi Kab Hai?
जून 2024 महीने में 3 जून 2024 को कृष्ण पक्ष और 19 जून 2024 को शुक्ल पक्ष की बारस तिथि है।
7. जुलाई में बारस द्वादशी तिथि कब है Dwadashi Kab Hai?
जुलाई 2024 महीने में 3 जुलाई 2024 को कृष्ण पक्ष और 18 जुलाई 2024 को शुक्ल पक्ष की बारस तिथि है।
8. अगस्त में बारस द्वादशी तिथि कब है? Dwadashi Kab Hai?
अगस्त 2024 महीने में 1 व 30 अगस्त 2024 को कृष्ण पक्ष और 17 अगस्त 2024 को शुक्ल पक्ष की बारस तिथि है।
9. सितम्बर में बारस द्वादशी तिथि कब है Dwadashi Kab Hai?
सितम्बर 2024 महीने में 15 सितम्बर 2024 को शुक्ल पक्ष और 29 सितम्बर 2024 को कृष्ण पक्ष की बारस तिथि है।
10. अक्टूबर में बारस द्वादशी तिथि कब है? Dwadashi Kab Hai?
अक्टूबर 2024 महीने में 14 अक्टूबर 2024 को शुक्ल पक्ष और 29 अक्टूबर 2024 को कृष्ण पक्ष की बारस तिथि है।
11. नवंबर में बारस द्वादशी तिथि कब है Dwadashi Kab Hai?
नवंबर 2024 महीने में 13 नवंबर 2024 को शुक्ल पक्ष और 27 नवंबर 2024 को कृष्ण पक्ष की बारस तिथि है।
12. दिसंबर में बारस द्वादशी तिथि कब है? Dwadashi Kab Hai?
दिसंबर 2024 महीने में 12 दिसंबर 2024 को शुक्ल पक्ष और 27 दिसंबर 2024 को कृष्ण पक्ष की बारस तिथि है।
इस महीने की अन्य तिथियाँ
हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर चंद्र मास में दो पक्ष होते हैं – शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। प्रत्येक पक्ष में 15 तिथियां होती हैं। इनमें से 14 तिथियां दोनों पक्षों में एक जैसी होती हैं।
लेकिन, ध्यान देने वाली बात यह है कि कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि अमावस्या कहलाती है, जबकि शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि को पूर्णिमा कहते हैं। इस साल की अन्य महत्वपूर्ण तिथियां नीचे दी गई हैं –