इस महीने पंचमी कब है? Panchami Kab Hai December 2024?

Panchami Kab Hai

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Panchami Kab Hai ? December 2024  : पंचमी तिथि हिन्दू पंचांग का एक महत्वपूर्ण दिन है। यह हर महीने के पाँचवे दिन को दर्शाता है। पंचमी का मतलब होता है ‘पाँचवा दिन‘, जो हर महीने के चंद्र माह का पाँचवा दिन होता है।

इस दिन का धार्मिक, सांस्कृतिक और ज्योतिषीय महत्व होता है। पंचमी या पाँच: तिथि के नाम से जाने वाले इस दिन कई धार्मिक अनुष्ठान, व्रत और पूजा होती हैं। हिन्दू धर्म में इसे बहुत ही पवित्र माना जाता है। आईए जानते हैं की इस वर्ष विभिन्न महीनों में पंचमी कब है Panchami Kab Hai

मुख्य बिन्दु

पंचमी कब है Panchami Kab Hai?

वर्ष 2024 के जनवरी से दिसंबर तक की पंचमी तिथि की जानकारी नीचे दी गई तालिकाओं में उपलब्ध है। आइए, हिंदू कैलेंडर के अनुसार देखें कि इस वर्ष हर महीने पंचमी तिथि कब-कब आती (Panchami Kab Hai?) है।

जनवरी महीने मे पंचमी कब है Panchami Kab Hai?

माहदिनांकपक्षसमय
जनवरी15 जनवरीशुक्ल पक्ष (पंचमी तिथि)15 जनवरी, प्रातः 4:59
16 जनवरी, 2:17 प्रातः
जनवरी30 जनवरीकृष्ण पक्ष (पंचमी तिथि)30 जनवरी, प्रातः 8:54
जनवरी 31, प्रातः 11:36

फरवरी महीने मे बसंत पंचमी कब है Panchami Kab Hai?

माहदिनांकपक्षसमय
फरवरी13 फरवरीशुक्ल पक्ष (पंचमी तिथि)13 फरवरी, 2:42 अपराह्न
14 फरवरी, 12:10 अपराह्न
फरवरी29 फरवरीकृष्ण पक्ष (पंचमी तिथि)29 फरवरी, प्रातः 4:19
01 मार्च , प्रातः 6:22

मार्च महीने मे पंचमी कब है Panchami Kab Hai?

माहदिनांकपक्षसमय
मार्च14 मार्चशुक्ल पक्ष (पंचमी तिथि)14 मार्च, 1:26 पूर्वाह्न
14 मार्च, 11:26 अपराह्न
मार्च29 मार्चकृष्ण पक्ष (पंचमी तिथि)29 मार्च, रात्रि 8:21
30 मार्च , रात्रि 9:14

अप्रेल महीने मे पंचमी कब है Panchami Kab Hai?

माहदिनांकपक्षसमय
अप्रैल12 अप्रैलशुक्ल पक्ष (पंचमी तिथि)12 अप्रैल, दोपहर 1:12
13 अप्रैल, 12:04 बजे
अप्रैल28 अप्रैलकृष्ण पक्ष (पंचमी तिथि)28 अप्रैल, प्रातः 8:22
अप्रैल 29, प्रातः 7:57

मई महीने मे पंचमी कब है Panchami Kab Hai?

माहदिनांकपक्षसमय
मई12 मईशुक्ल पक्ष (पंचमी तिथि)12 मई, 2:04 पूर्वाह्न
13 मई, 2:04 पूर्वाह्न
मई27 मईकृष्ण पक्ष (पंचमी तिथि)27 मई, 4:54 अपराह्न
28 मई, 3:24 अपराह्न
Panchami Kab Hai

जून महीने मे पंचमी कब है Panchami Kab Hai?

माहदिनांकपक्षसमय
जून10 जूनशुक्ल पक्ष (पंचमी तिथि)10 जून, शाम 4:15 बजे
11 जून, शाम 5:27 बजे तक
जून25 जूनकृष्ण पक्ष (पंचमी तिथि)25 जून, रात्रि 11:11
26 जून, रात्रि 8:55

जुलाई महीने मे पंचमी कब है Panchami Kab Hai?

माहदिनांकपक्षसमय
जुलाई10 जुलाईशुक्ल पक्ष (पंचमी तिथि)10 जुलाई, सुबह 7:52
11 जुलाई, सुबह 10:04
जुलाई25 जुलाईकृष्ण पक्ष (पंचमी तिथि)25 जुलाई, प्रातः 4:40
26 जुलाई, प्रातः 1:58

अगस्त महीने मे पंचमी कब है Panchami Kab Hai?

माहदिनांकपक्षसमय
अगस्त09 अगस्तशुक्ल पक्ष (पंचमी तिथि)09 अगस्त, 12:37 पूर्वाह्न
10 अगस्त, 3:14 पूर्वाह्न
अगस्त23 अगस्तकृष्ण पक्ष (पंचमी तिथि)23 अगस्त, 10:39 पूर्वाह्न
24 अगस्त, 7:52 पूर्वाह्न

सितंबर महीने मे पंचमी कब है Panchami Kab Hai?

माहदिनांकपक्षसमय
सितंबर07 सितम्बर,शुक्ल पक्ष, (पंचमी तिथि)07सितम्बर , सायं 5:37 बजे
08 सितम्बर, सायं 7:58 बजे
सितंबर21 सितंबर,कृष्ण पक्ष, (पंचमी तिथि)21 सितंबर, शाम 6:14 बजे
22 सितंबर, दोपहर 3:43 बजे

अक्टूबर महीने मे पंचमी कब है Panchami Kab Hai?

माहदिनांकपक्षसमय
अक्टूबर07 अक्टूबर,शुक्ल पक्ष (पंचमी तिथि)07 अक्टूबर, 9:48 पूर्वाह्न
08 अक्टूबर, 11:18 पूर्वाह्न
अक्टूबर21 अक्टूबर,कृष्ण पक्ष (पंचमी तिथि)21 अक्टूबर, प्रातः 4:17
22 अक्टूबर, 2:29 प्रातः

नवंबर महीने मे पंचमी कब है Panchami Kab Hai?

माहदिनांकपक्षसमय
नवंबर06 नवंबरशुक्ल पक्ष (पंचमी तिथि)06 नवंबर, 12:17 पूर्वाह्न
07 नवंबर, 12:41 पूर्वाह्न
नवंबर9 नवंबर,कृष्ण पक्ष (पंचमी तिथि)19 नवंबर, शाम 5:28 बजे
20 नवंबर, शाम 4:50 बजे

दिसम्बर महीने मे पंचमी कब है Panchami Kab Hai?

माहदिनांकपक्षसमय
दिसंबर05 दिसंबरशुक्ल पक्ष (पंचमी तिथि)05 दिसंबर, 12:49 अपराह्न
06 दिसंबर, 12:08 अपराह्न
दिसंबर19 दिसंबरकृष्ण पक्ष (पंचमी तिथि)19 दिसंबर, 10:03 पूर्वाह्न
20 दिसंबर, 10:49 पूर्वाह्न

पंचमी तिथि (Panchmi Titihi) का क्या महत्व है?

पंचमी तिथि (Panchmi Titihi) का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह तिथि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। पंचमी तिथि हर महीने के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों में आती है।

विभिन्न पर्वों और त्योहारों के रूप में इस तिथि का विशेष महत्व है, और इसे विशेष रूप से देवी सरस्वती और नाग देवता की पूजा के लिए जाना जाता है।

वसंत पंचमी (Panchmi Titihi) का महत्व

वसंत पंचमी (Panchmi Titihi), शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। यह पर्व ज्ञान, संगीत और कला की देवी सरस्वती के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन विद्यार्थियों और कला-संस्कृति से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्व है। लोग देवी सरस्वती की पूजा-अर्चना करके उनसे ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति की कामना करते हैं।

नाग पंचमी (Panchmi Titihi) का महत्व

नाग पंचमी, श्रावण महीने की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन नाग देवता की पूजा का विशेष महत्व है। लोग इस दिन नागों की मूर्तियों या चित्रों की पूजा करके उनसे सुरक्षा और समृद्धि की कामना करते हैं। विशेष रूप से किसान और ग्रामीण क्षेत्रों में इस पर्व का बड़ा महत्व है।

पंचमी तिथि की पूजा विधि

पंचमी तिथि (Panchmi Titihi) पर पूजा की विधि इस प्रकार है:

  1. सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. देवी सरस्वती या नाग देवता की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाएं।
  3. फूल, धूप, चंदन और प्रसाद अर्पित करें।
  4. देवी सरस्वती के मंत्रों का जाप करें और सरस्वती वंदना का पाठ करें।
  5. नाग पंचमी के दिन, नाग देवता की पूजा में दूध, फूल और मिठाई अर्पित करें।
  6. पूजा के बाद प्रसाद वितरण करें और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करें।

पंचमी तिथि (Panchmi Titihi) का धार्मिक महत्व

पंचमी तिथि (Panchmi Titihi) पर देवी सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान, बुद्धि और विद्या की प्राप्ति होती है। विद्यार्थियों और कला-संस्कृति से जुड़े लोगों के लिए यह दिन विशेष फलदायी माना जाता है। नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा करने से जीवन में सुरक्षा और समृद्धि आती है। इसे विशेष रूप से कृषकों और ग्रामीण लोगों द्वारा मनाया जाता है।

पंचमी तिथि (Panchmi Titihi) का ज्योतिषीय महत्व

पंचमी तिथि का ज्योतिषीय महत्व भी अत्यधिक है। इस दिन किए गए पूजा-पाठ और व्रत से कुंडली में ग्रह दोषों का निवारण होता है और जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है। विशेष रूप से वसंत पंचमी पर देवी सरस्वती की पूजा करने से बुध ग्रह के शुभ फल प्राप्त होते हैं।

सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व

पंचमी तिथि का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी महत्वपूर्ण है। वसंत पंचमी के दिन लोग पीले वस्त्र धारण करते हैं और पीले फूलों और पकवानों का प्रयोग करते हैं, जो वसंत ऋतु का स्वागत करते हैं। इस दिन विद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में विशेष पूजा-अर्चना और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है।

पंचमी तिथि (Panchmi Titihi) किस देवता को समर्पित है?

पंचमी तिथि मुख्यतः देवी सरस्वती और नाग देवता को समर्पित है। हिंदू धर्म में इस तिथि का विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है, और इसे विभिन्न नामों और रूपों में मनाया जाता है।

बसंत पंचमी तिथि (Panchmi Titihi) और देवी सरस्वती

वसंत पंचमी, शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को देवी सरस्वती की पूजा के रूप में मनाई जाती है। देवी सरस्वती को ज्ञान, संगीत, कला और विद्या की देवी माना जाता है। इस दिन विद्यार्थी और कला-संस्कृति से जुड़े लोग विशेष रूप से देवी सरस्वती की पूजा करते हैं, उनसे बुद्धि, ज्ञान और रचनात्मकता की प्राप्ति की कामना करते हैं। वसंत पंचमी को देवी सरस्वती के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है और यह दिन शिक्षा और विद्या के क्षेत्र में विशेष महत्व रखता है।

बसंत पंचमी तिथि (Panchmi Titihi) और नाग देवता

श्रावण महीने की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। नाग देवता को सर्पों के राजा के रूप में माना जाता है और उनकी पूजा से जीवन में सुरक्षा, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। नाग पंचमी के दिन लोग नागों की मूर्तियों या चित्रों की पूजा करते हैं और उन्हें दूध, फूल, और मिठाई अर्पित करते हैं।

पंचमी तिथि पूजा विधि

पंचमी तिथि पर पूजा की विधि इस प्रकार है:

  • वसंत पंचमी के लिए:
    • सुबह स्नान कर स्वच्छ पीले वस्त्र धारण करें।
    • देवी सरस्वती की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाएं।
    • फूल, धूप, चंदन, और पीले प्रसाद अर्पित करें।
    • देवी सरस्वती के मंत्रों का जाप करें और सरस्वती वंदना का पाठ करें।
  • नाग पंचमी के लिए:
    • नाग देवता की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाएं।
    • दूध, फूल, और मिठाई अर्पित करें।
    • नाग देवता की पूजा करें और उनसे जीवन की सुरक्षा और समृद्धि की कामना करें।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

  • वसंत पंचमी: इस दिन देवी सरस्वती की पूजा करने से विद्या, बुद्धि, और ज्ञान की प्राप्ति होती है। यह दिन विशेष रूप से विद्यार्थियों और कला के क्षेत्र में कार्यरत लोगों के लिए महत्वपूर्ण है।
  • नाग पंचमी: इस दिन नाग देवता की पूजा करने से जीवन में सुरक्षा और समृद्धि की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से किसान और ग्रामीण क्षेत्रों में इस पर्व का बड़ा महत्व है।

निष्कर्ष

पंचमी तिथि देवी सरस्वती और नाग देवता को समर्पित है और इसका धार्मिक, सांस्कृतिक और ज्योतिषीय महत्व अत्यधिक है। इस तिथि पर की जाने वाली पूजा और व्रत से जीवन में ज्ञान, सुरक्षा, और समृद्धि की प्राप्ति होती है। पंचमी तिथि का पालन श्रद्धा और विश्वास के साथ करना अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है।

FAQ

1. जनवरी में पंचमी तिथि कब है Panchami Kab Hai?

जनवरी 2024 माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 15 जनवरी को है, तथा कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 31 जनवरी को है।

2. फरवरी में पंचमी तिथि कब है?

फरवरी 2024 माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानि बसंत पंचमी 14 फरवरी को है, तथा कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 29 फरवरी को है।

3. मार्च में पंचमी तिथि कब है Panchami Kab Hai?

मार्च 2024 माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 14 मार्च को है, तथा कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि यानि रंग पंचमी 30 मार्च को है।

4. अप्रैल में पंचमी तिथि कब है?

अप्रैल 2024 माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 13 अप्रैल को है, तथा कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 29 अप्रैल को है।

5. मई में पंचमी तिथि कब है Panchami Kab Hai?

मई 2024 माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 12 मई को है, तथा कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 28 मई को है।

6. जून में पंचमी तिथि कब है?

जून 2024 माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 11 जून को है, तथा कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 26 जून को है।

7. जुलाई में पंचमी तिथि कब है Panchami Kab Hai?

जुलाई 2024 माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 11 जुलाई को है, तथा कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 25 जुलाई को है।

8. अगस्त में पंचमी तिथि कब है?

अगस्त 2024 माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानि नाग पंचमी 9 अगस्त को है, तथा कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 24 अगस्त को है।

9. सितम्बर में पंचमी तिथि कब है Panchami Kab Hai?

सितंबर 2024 माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 8 सितंबर को है, तथा कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 22 सितंबर को है।

10. अक्टूबर में पंचमी तिथि कब है?

अक्टूबर 2024 माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 8 अक्टूबर को है, तथा कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 21 अक्टूबर को है।

11. नवंबर में पंचमी तिथि कब है Panchami Kab Hai?

नवंबर 2024 माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 6 नवंबर को है, तथा कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 20 नवंबर को है।

12. दिसंबर में पंचमी तिथि कब है?

दिसंबर 2024 माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानि विवाह पंचमी 6 दिसंबर को है, तथा कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 20 दिसंबर को है।

इस महीने की अन्य तिथियाँ

हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर चंद्र मास में दो पक्ष होते हैं – शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। प्रत्येक पक्ष में 15 तिथियां होती हैं। इनमें से 14 तिथियां दोनों पक्षों में एक जैसी होती हैं।

लेकिन, ध्यान देने वाली बात यह है कि कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि अमावस्या कहलाती है, जबकि शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि को पूर्णिमा कहते हैं। इस साल की अन्य महत्वपूर्ण तिथियां नीचे दी गई हैं –

प्रतिपदा (पड़वा) कब है?नवमी (नौमी) कब है?
द्वितीया (दूज) कब है?दशमी (दसम) कब है?
तृतीया (तीज) कब है?एकादशी (ग्यारस) कब है?
चतुर्थी (चौथ) कब है?द्वादशी (बारस) कब है?
पंचमी (पचमी) कब है?त्रयोदशी (तेरस) कब है?
षष्ठी (छठ) कब है?चतुर्दशी (चौदस) कब है?
सप्तमी (सातम) कब है?पूर्णिमा (पूरनमासी) कब है?
अष्टमी (आठम) कब है?अमावस्या (अमावस) कब है?

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