Chhath Kab Hai ? July 2025 : छठ तिथि यानि षष्ठी तिथि हिन्दू पंचांग का एक महत्वपूर्ण दिन है। यह हर महीने के छठे दिन को दर्शाता है। छठ का मतलब होता है ‘छवां दिन‘, जो हर महीने के चंद्र माह का छठा दिन होता है।
इस दिन का धार्मिक, सांस्कृतिक और ज्योतिषीय महत्व होता है। छठ तिथि या षष्ठी तिथि के नाम से जाने वाले इस दिन कई धार्मिक अनुष्ठान, व्रत और पूजा होती हैं। हिन्दू धर्म में इसे बहुत ही पवित्र माना जाता है। आईए जानते हैं की इस वर्ष विभिन्न महीनों में छठ कब है Chhath Kab Hai
छठ कब है Chhath Kab Hai?
वर्ष 2025 के जनवरी से दिसंबर तक की छठ तिथि की जानकारी नीचे दी गई तालिकाओं में उपलब्ध है। आइए, हिंदू कैलेंडर के अनुसार देखें कि इस वर्ष हर महीने छठ तिथि कब-कब आती (Chhath Kab Hai?) है।
जनवरी महीने मे षष्ठी तिथि छठ कब है Chhath Kab Hai?
जनवरी 2025 में 2 षष्ठी तिथियाँ हैं। 5 जनवरी को शुक्ल पक्ष की षष्ठी रविवार के दिन है, जो सूर्य देव की आराधना के लिए शुभ है। 20 जनवरी को कृष्ण पक्ष की षष्ठी सोमवार को पड़ रही है, जो शिव पूजा के लिए उपयुक्त है।
तारीख | पक्ष | दिन |
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05 जनवरी 2025 | शुक्ल पक्ष | रविवार |
20 जनवरी 2025 | कृष्ण पक्ष | सोमवार |
फरवरी महीने मे छठ कब है Chhath Kab Hai?
फरवरी 2025 में 3 षष्ठी तिथियाँ हैं। 3 फरवरी को शुक्ल पक्ष की षष्ठी सोमवार को है। 18-19 फरवरी को कृष्ण पक्ष की षष्ठी मंगलवार से बुधवार तक चलेगी, जो पितृ कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है।
तारीख | पक्ष | दिन |
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03 फरवरी 2025 | शुक्ल पक्ष | सोमवार |
18 फरवरी 2025 | कृष्ण पक्ष | मंगलवार |
19 फरवरी 2025 | कृष्ण पक्ष | बुधवार |
मार्च महीने मे छठ कब है Chhath Kab Hai?
मार्च 2025 में 2 षष्ठी तिथियाँ हैं। 5 मार्च को शुक्ल पक्ष की षष्ठी बुधवार को है, जो बुद्धि और ज्ञान के लिए शुभ है। 20 मार्च को कृष्ण पक्ष की षष्ठी गुरुवार के दिन है।
तारीख | पक्ष | दिन |
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05 मार्च 2025 | शुक्ल पक्ष | बुधवार |
20 मार्च 2025 | कृष्ण पक्ष | गुरुवार |
अप्रेल महीने मे छठ कब है Chhath Kab Hai?
अप्रैल 2025 में 2 षष्ठी तिथियाँ हैं। 3 अप्रैल को शुक्ल पक्ष की षष्ठी गुरुवार को है। 19 अप्रैल को कृष्ण पक्ष की षष्ठी शनिवार के दिन है, जो शनि देव की पूजा के लिए उपयुक्त है।
तारीख | पक्ष | दिन |
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03 अप्रैल 2025 | शुक्ल पक्ष | गुरुवार |
19 अप्रैल 2025 | कृष्ण पक्ष | शनिवार |
मई महीने मे छठ कब है Chhath Kab Hai?
मई 2025 में 2 षष्ठी तिथियाँ हैं। 3 मई को शुक्ल पक्ष की षष्ठी शनिवार को है। 19 मई को कृष्ण पक्ष की षष्ठी सोमवार के दिन है, जो चंद्र देव की आराधना के लिए शुभ है।
तारीख | पक्ष | दिन |
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03 मई 2025 | शुक्ल पक्ष | शनिवार |
19 मई 2025 | कृष्ण पक्ष | सोमवार |

जून महीने मे छठ कब है Chhath Kab Hai?
जून 2025 में 2 षष्ठी तिथियाँ हैं। 1 जून को शुक्ल पक्ष की षष्ठी रविवार को है। 17 जून को कृष्ण पक्ष की षष्ठी मंगलवार के दिन है।
तारीख | पक्ष | दिन |
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01 जून 2025 | शुक्ल पक्ष | रविवार |
17 जून 2025 | कृष्ण पक्ष | मंगलवार |
जुलाई महीने मे छठ कब है Chhath Kab Hai?
जुलाई 2025 में 2 षष्ठी तिथियाँ हैं। 1 जुलाई को शुक्ल पक्ष की षष्ठी मंगलवार को है। 16 जुलाई को कृष्ण पक्ष की षष्ठी बुधवार के दिन है।
तारीख | पक्ष | दिन |
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01 जुलाई 2025 | शुक्ल पक्ष | मंगलवार |
16 जुलाई 2025 | कृष्ण पक्ष | बुधवार |
अगस्त महीने मे छठ कब है Chhath Kab Hai?
अगस्त 2025 में 2 षष्ठी तिथियाँ हैं। 14 अगस्त को कृष्ण पक्ष की षष्ठी गुरुवार को है। 29 अगस्त को शुक्ल पक्ष की षष्ठी शुक्रवार के दिन है।
तारीख | पक्ष | दिन |
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14 अगस्त 2025 | कृष्ण पक्ष | गुरुवार |
29 अगस्त 2025 | शुक्ल पक्ष | शुक्रवार |
सितंबर महीने मे छठ कब है Chhath Kab Hai?
सितंबर 2025 में 2 षष्ठी तिथियाँ हैं। 13 सितंबर को कृष्ण पक्ष की षष्ठी शनिवार को है। 28 सितंबर को शुक्ल पक्ष की षष्ठी रविवार के दिन है।
तारीख | पक्ष | दिन |
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13 सितंबर 2025 | कृष्ण पक्ष | शनिवार |
28 सितंबर 2025 | शुक्ल पक्ष | रविवार |
अक्टूबर महीने मे छठ कब है Chhath Kab Hai?
अक्टूबर 2025 में 3 षष्ठी तिथियाँ हैं। 12 अक्टूबर को कृष्ण पक्ष की षष्ठी रविवार को है। 27-28 अक्टूबर को शुक्ल पक्ष की षष्ठी सोमवार से मंगलवार तक चलेगी, जो छठ पूजा के लिए प्रमुख तिथियाँ हैं।
तारीख | पक्ष | दिन | विशेष नोट |
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12 अक्टूबर 2025 | कृष्ण पक्ष | रविवार | |
27 अक्टूबर 2025 | शुक्ल पक्ष | सोमवार | छठ पूजा |
28 अक्टूबर 2025 | शुक्ल पक्ष | मंगलवार | छठ पूजा |
नवंबर महीने मे छठ कब है Chhath Kab Hai?
नवंबर 2025 में 2 षष्ठी तिथियाँ हैं। 10 नवंबर को कृष्ण पक्ष की षष्ठी सोमवार को है। 26 नवंबर को शुक्ल पक्ष की षष्ठी बुधवार के दिन है।
तारीख | पक्ष | दिन |
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10 नवंबर 2025 | कृष्ण पक्ष | सोमवार |
26 नवंबर 2025 | शुक्ल पक्ष | बुधवार |
दिसम्बर महीने मे छठ कब है Chhath Kab Hai?
दिसंबर 2025 में 2 षष्ठी तिथियाँ हैं। 10 दिसंबर को कृष्ण पक्ष की षष्ठी बुधवार को है। 26 दिसंबर को शुक्ल पक्ष की षष्ठी शुक्रवार के दिन है।
तारीख | पक्ष | दिन |
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10 दिसंबर 2025 | कृष्ण पक्ष | बुधवार |
26 दिसंबर 2025 | शुक्ल पक्ष | शुक्रवार |
छठ तिथि (Chhath Titihi) का क्या महत्व है?
छठ तिथि का हिंदू धर्म में अत्यधिक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह तिथि सूर्य उपासना के लिए विशेष रूप से जानी जाती है और बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, और नेपाल के तराई क्षेत्रों में इसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। छठ पर्व चार दिनों का होता है और यह मुख्यतः सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित होता है।
छठ तिथि यानि षष्ठी तिथि का धार्मिक महत्व
छठ तिथि विशेष रूप से सूर्य देव की पूजा के लिए जानी जाती है। इस दिन सूर्य देव, जो जीवन और ऊर्जा के स्रोत हैं, की उपासना की जाती है। सूर्य को जल अर्पित करने की परंपरा है, जिसे ‘अर्घ्य’ कहा जाता है।
छठ पर्व के दौरान, व्रती (व्रत करने वाले व्यक्ति) उपवास रखते हैं और सूर्य देव से प्रार्थना करते हैं कि वे जीवन में स्वास्थ्य, समृद्धि, और सुख-शांति का आशीर्वाद दें।
छठ पर्व की विधि
छठ पर्व चार दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें विशेष रूप से सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है। इस पर्व की विधि निम्नलिखित है:
- पहला दिन: नहाय-खाय
- इस दिन व्रती पवित्र नदी या तालाब में स्नान करते हैं और शुद्ध शाकाहारी भोजन करते हैं। यह दिन शरीर और मन को शुद्ध करने का होता है।
- दूसरा दिन: खरना
- व्रती दिनभर उपवास रखते हैं और शाम को खीर और रोटी का प्रसाद बनाते हैं। यह प्रसाद व्रती द्वारा ही खाया जाता है और इससे उपवास की समाप्ति होती है।
- तीसरा दिन: संध्या अर्घ्य
- इस दिन व्रती दिनभर का उपवास रखते हैं और शाम को सूर्यास्त के समय सूर्य देव को अर्घ्य (जल अर्पण) देते हैं। यह अर्घ्य किसी पवित्र नदी, तालाब, या जलाशय के किनारे दिया जाता है।
- चौथा दिन: उषा अर्घ्य
- इस दिन व्रती सुबह जल्दी उठकर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इसके बाद व्रती अपना उपवास तोड़ते हैं और प्रसाद का वितरण करते हैं।
छठी मैया की व्रत कथा Chhath Maiya Ki Katha
छठ तिथि यानि षष्ठी तिथि का सांस्कृतिक महत्व
छठ पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि इसका गहरा सांस्कृतिक महत्व भी है। यह पर्व सामूहिकता, पवित्रता, और निष्ठा का प्रतीक है। लोग अपने परिवार और समुदाय के साथ मिलकर इस पर्व को मनाते हैं। छठ गीत, पूजा के दौरान गाए जाने वाले पारंपरिक गीत, इस पर्व की विशेषता हैं और इसका वातावरण और भी भक्तिपूर्ण बनाते हैं।
छठ व्रत का महत्व
छठ व्रत को अत्यंत कठोर और कठिन माना जाता है। इस व्रत में व्रती को लगातार 36 घंटे का निर्जला उपवास करना पड़ता है। यह व्रत शुद्धता, संकल्प, और समर्पण का प्रतीक है। व्रती के दृढ़ संकल्प और भक्ति के कारण, यह माना जाता है कि सूर्य देव और छठी मैया उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
छठ तिथि (Chhath Titihi) किस देवता को समर्पित है?
छठ तिथि मुख्य रूप से सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है। यह पर्व विशेष रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है। छठ पर्व चार दिनों तक मनाया जाता है और इसे सूर्य उपासना और छठी मैया की पूजा के लिए जाना जाता है।
सूर्य देव
सूर्य देव, जिन्हें जीवन और ऊर्जा का स्रोत माना जाता है, इस पर्व के मुख्य देवता हैं। छठ पर्व के दौरान, भक्तगण सूर्य देव को जल अर्पित करते हैं और उनसे जीवन में स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख-शांति की कामना करते हैं। यह माना जाता है कि सूर्य देव की उपासना से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
छठी मैया
छठी मैया को उर्वरता, संतान सुख और समृद्धि की देवी माना जाता है। इस पर्व के दौरान छठी मैया की विशेष पूजा की जाती है। लोग मानते हैं कि छठी मैया की कृपा से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। छठी मैया की पूजा से बच्चों का स्वास्थ्य और भविष्य उज्ज्वल होता है।
निष्कर्ष
छठ तिथि का धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्व है। यह तिथि सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है और इसका पालन श्रद्धा, निष्ठा और समर्पण के साथ किया जाता है। छठ पर्व न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग है, बल्कि यह सामूहिकता और सामुदायिक एकता का भी प्रतीक है। इस तिथि पर किए गए व्रत और पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।

FAQ
1. जनवरी में छठ कब है Chhath Kab Hai?
जनवरी 2025 में कृष्ण पक्ष की छठ तिथि 20 जनवरी 2025 तारीख को है, तथा शुक्ल पक्ष की छठ तिथि 05 जनवरी 2025 तारीख को है।
2. फरवरी में छठ कब है? Chhath Kab Hai?
फरवरी 2025 में कृष्ण पक्ष की छठ तिथि 18 व 19 फरवरी 2025 तारीख को है, तथा शुक्ल पक्ष की छठ तिथि 03 फरवरी 2025 तारीख को है।
3. मार्च में छठ कब है Chhath Kab Hai?
फरवरी 2025 में कृष्ण पक्ष की छठ तिथि 20 मार्च 2025 तारीख को है, तथा शुक्ल पक्ष की छठ तिथि 05 मार्च 2025 तारीख को है।
4. अप्रैल में छठ कब है? Chhath Kab Hai?
अप्रैल 2025 में शुक्ल पक्ष की छठ तिथि 03 अप्रैल 2025 तारीख को है, तथा कृष्ण पक्ष की छठ तिथि 19 अप्रैल 2025 तारीख को है।
5. मई में छठ कब है Chhath Kab Hai?
मई 2025 में शुक्ल पक्ष की छठ तिथि 03 मई 2025 तारीख को है, तथा कृष्ण पक्ष की छठ तिथि 19 मई 2025 तारीख को है।
6. जून में छठ कब है? Chhath Kab Hai?
जून 2025 में शुक्ल पक्ष की छठ तिथि 01 जून 2025 तारीख को है, तथा कृष्ण पक्ष की छठ तिथि 17 जून 2025 तारीख को है।
7. जुलाई में छठ कब है Chhath Kab Hai?
जुलाई 2025 में शुक्ल पक्ष की छठ तिथि 01 जुलाई 2025 तारीख को है, तथा कृष्ण पक्ष की छठ तिथि 16 जुलाई 2025 तारीख को है।
8. अगस्त में छठ कब है? Chhath Kab Hai?
अगस्त 2025 में शुक्ल पक्ष की छठ तिथि 29 अगस्त 2025 तारीख को है, तथा कृष्ण पक्ष की छठ तिथि 14 अगस्त 2025 तारीख को है।
9. सितम्बर में छठ कब है Chhath Kab Hai?
सितंबर 2025 में शुक्ल पक्ष की छठ तिथि 28 सितंबर 2025 तारीख को है, तथा कृष्ण पक्ष की छठ तिथि 13 सितंबर 2025 तारीख को है।
10. अक्टूबर में छठ कब है? Chhath Kab Hai?
अक्टूबर 2025 में शुक्ल पक्ष की छठ तिथि 27 व 28 अक्टूबर 2025 तारीख को है, तथा कृष्ण पक्ष की छठ तिथि 12 अक्टूबर 2025 तारीख को है।
11. नवंबर में छठ कब है Chhath Kab Hai?
नवंबर 2025 में शुक्ल पक्ष की छठ तिथि 26 नवंबर 2025 तारीख को है, तथा कृष्ण पक्ष की छठ तिथि 10 नवंबर 2025 तारीख को है।
12. दिसंबर में छठ कब है? Chhath Kab Hai?
दिसंबर 2025 में शुक्ल पक्ष की छठ तिथि 26 दिसंबर 2025 तारीख को है, तथा कृष्ण पक्ष की छठ तिथि 10 दिसंबर 2025 तारीख को है।
13. छठ पूजा कितने दिनों तक चलती है?
छठ पूजा 4 दिनों का त्योहार है:
नहाय खाय (25 अक्टूबर)
खरना (26 अक्टूबर)
संध्या अर्घ्य (27 अक्टूबर)
उषा अर्घ्य (28 अक्टूबर)
महत्वपूर्ण नोट:
- छठ पूजा के लिए 27-28 अक्टूबर 2025 की तिथियाँ नोट कर लें।
- षष्ठी तिथि पर सूर्योदय और सूर्यास्त के समय अर्घ्य देना विशेष फलदायी माना जाता है।
इस महीने की अन्य तिथियाँ
हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर चंद्र मास में दो पक्ष होते हैं – शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। प्रत्येक पक्ष में 15 तिथियां होती हैं। इनमें से 14 तिथियां दोनों पक्षों में एक जैसी होती हैं।
लेकिन, ध्यान देने वाली बात यह है कि कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि अमावस्या कहलाती है, जबकि शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि को पूर्णिमा कहते हैं। इस साल की अन्य महत्वपूर्ण तिथियां नीचे दी गई हैं –