इस महीने सप्तमी कब है? Saptami Kab Hai October 2024?

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Saptami Kab Hai ? October 2024  : सप्तमी तिथि यानि सातम तिथि हिन्दू पंचांग का एक महत्वपूर्ण दिन है। यह हर महीने के सातवे दिन को दर्शाता है। सप्तमी का मतलब होता है ‘सातवाँ दिन‘, जो हर महीने के चंद्र माह का सातवाँ दिन होता है।

इस दिन का धार्मिक, सांस्कृतिक और ज्योतिषीय महत्व होता है। सप्तमी तिथि या सातम तिथि के नाम से जाने वाले इस दिन कई धार्मिक अनुष्ठान, व्रत और पूजा होती हैं। हिन्दू धर्म में इसे बहुत ही पवित्र माना जाता है। आईए जानते हैं की इस वर्ष विभिन्न महीनों में सप्तमी कब है Saptami Kab Hai

मुख्य बिन्दु

सप्तमी कब है Saptami Kab Hai?

वर्ष 2024 के जनवरी से दिसंबर तक की सप्तमी तिथि की जानकारी नीचे दी गई तालिकाओं में उपलब्ध है। आइए, हिंदू कैलेंडर के अनुसार देखें कि इस वर्ष हर महीने सप्तमी या सातम तिथि कब-कब आती (Saptami Kab Hai?) है।

जनवरी महीने मे सप्तमी तिथि या सप्तमी कब है Saptami Kab Hai?

माहदिनांकचंद्र पक्षसमय
जनवरी02 जनवरीकृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि02 जनवरी, शाम 5:11 बजे
03 जनवरी, शाम 7:48 बजे
जनवरी16 जनवरीशुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि16 जनवरी, 11:58 अपराह्न
17 जनवरी, 10:07 अपराह्न

फरवरी महीने मे सप्तमी कब है Saptami Kab Hai?

माहदिनांकचंद्र पक्षसमय
फरवरी01 फरवरीकृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि01 फरवरी, 2:04 अपराह्न
02 फरवरी, 4:03 अपराह्न
फरवरी15 फरवरीशुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि15 फरवरी, सुबह 10:13
16 फरवरी, सुबह 8:55

मार्च महीने मे सप्तमी कब है Saptami Kab Hai?

माहदिनांकचंद्र पक्षसमय
मार्च02 मार्च,कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि02 मार्च, प्रातः 7:54
मार्च 03, प्रातः 8:45
मार्च15 मार्च,शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि15 मार्च, 10:09 अपराह्न
16 मार्च, 9:39 अपराह्न
मार्च31मार्चकृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि31मार्च , रात्रि 9:31
अप्रैल 01, रात्रि 9:10

अप्रेल महीने मे सप्तमी कब है Saptami Kab Hai?

माहदिनांकचंद्र पक्षसमय
अप्रैल14 अप्रैलशुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि14 अप्रैल, 11:44 पूर्वाह्न
15 अप्रैल, 12:12 अपराह्न
अप्रैल30 अप्रैलकृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि30 अप्रैल, प्रातः 7:05
01 मई, प्रातः 5:46

मई महीने मे सप्तमी कब है Saptami Kab Hai?

माहदिनांकचंद्र पक्षसमय
मई14 मईशुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि14 मई, 2:50 पूर्वाह्न
15 मई, 4:19 पूर्वाह्न
मई29 मईकृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि29 मई, दोपहर 1:40 बजे
30 मई, सुबह 11:44 बजे

जून महीने मे सप्तमी कब है Saptami Kab Hai?

माहदिनांकचंद्र पक्षसमय
जून12 जूनशुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि12 जून, 7:17 अपराह्न
13 जून, 9:33 अपराह्न
जून27 जूनकृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि27 जून, शाम 6:40 बजे
28 जून, शाम 4:27 बजे

जुलाई महीने मे सप्तमी कब है Saptami Kab Hai?

माहदिनांकचंद्र पक्षसमय
जुलाई12 जुलाईशुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि12 जुलाई, 12:33 अपराह्न
13 जुलाई, 3:06 अपराह्न
जुलाई26 जुलाईकृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि26 जुलाई, 11:30 अपराह्न
27 जुलाई, 9:19 अपराह्न

अगस्त महीने मे सप्तमी कब है Saptami Kab Hai?

माहदिनांकचंद्र पक्षसमय
अगस्त11 अगस्तशुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि11 अगस्त, प्रातः 5:45
12 अगस्त, प्रातः 7:55
अगस्त25 अगस्तकृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि25 अगस्त, 5:31 पूर्वाह्न
26 अगस्त, 3:39 पूर्वाह्न

सितंबर महीने मे सप्तमी कब है Saptami Kab Hai?

माहदिनांकचंद्र पक्षसमय
सितंबर09 सितंबरशुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि09 सितंबर, 9:53 अपराह्न
10 सितंबर, 11:12 अपराह्न
सितंबर23 सितंबरकृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि23 सितंबर, दोपहर 1:50 बजे
24 सितंबर, 12:39 बजे

अक्टूबर महीने मे सप्तमी कब है Saptami Kab Hai?

माहदिनांकचंद्र पक्षसमय
अक्टूबर09 अक्टूबरशुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि09 अक्टूबर, 12:14 अपराह्न
10 अक्टूबर, 12:32 अपराह्न
अक्टूबर23 अक्टूबरकृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि23 अक्टूबर, 1:29 पूर्वाह्न
24 अक्टूबर, 1:19 पूर्वाह्न

नवंबर महीने मे सप्तमी कब है Saptami Kab Hai?

माहदिनांकचंद्र पक्षसमय
नवंबर08 नवंबरशुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि08 नवंबर, 12:35 पूर्वाह्न
08 नवंबर, 11:56 अपराह्न
नवंबर21 नवंबरकृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि21 नवंबर, शाम 5:03 बजे
22 नवंबर, शाम 6:08 बजे

दिसम्बर महीने मे सप्तमी कब है Saptami Kab Hai?

माहदिनांकचंद्र पक्षसमय
दिसंबर07 दिसंबरशुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि07 दिसंबर, 11:06 पूर्वाह्न
08 दिसंबर, 9:44 पूर्वाह्न
दिसंबर21 दिसंबरकृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि21 दिसंबर, 12:21 अपराह्न
22 दिसंबर, 2:32 अपराह्न

सप्तमी तिथि (Saptami Titihi) का क्या महत्व है?

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सप्तमी तिथि का हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व है। यह तिथि हर महीने के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों में आती है और इसे विभिन्न नामों और रूपों में मनाया जाता है।

सप्तमी तिथि सूर्य देव और देवी दुर्गा को समर्पित है। इस तिथि पर विशेष पूजा और व्रत का आयोजन किया जाता है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

सप्तमी तिथि (Saptami Titihi) का धार्मिक महत्व

सप्तमी तिथि मुख्यतः सूर्य देव की उपासना के लिए जानी जाती है। इस तिथि को सूर्य सप्तमी भी कहा जाता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार, दीर्घायु और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

सप्तमी तिथि (Saptami Titihi) की पूजा विधि

सप्तमी तिथि (Saptami Titihi) पर पूजा की विधि निम्नलिखित है:

  1. स्नान और शुद्धि: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. सूर्य देव की पूजा: सूर्य देव को अर्घ्य दें और उनकी प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाएं।
  3. सूर्य मंत्र: सूर्य मंत्रों का जाप करें, जैसे “ऊँ सूर्याय नमः”।
  4. अर्पण: सूर्य देव को जल, फूल, धूप, चंदन और प्रसाद अर्पित करें।
  5. प्रसाद वितरण: पूजा के बाद प्रसाद का वितरण करें और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करें।

सप्तमी तिथि (Saptami Titihi) के विशेष पर्व

  • रथ सप्तमी: माघ महीने की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को रथ सप्तमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देव के रथ पर सवार होने की कथा है और इसे विशेष उत्साह से मनाया जाता है। रथ सप्तमी के दिन विशेष रूप से सूर्य देव की पूजा की जाती है और सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है।

  • दुर्गा सप्तमी: नवरात्रि के सातवें दिन दुर्गा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन देवी दुर्गा की पूजा की जाती है और उनसे शक्ति, साहस और समृद्धि की कामना की जाती है।

संतान सप्तमी की कथा

संतान सप्तमी की व्रत कथा

धार्मिक कथा

रथ सप्तमी के दिन सूर्य देव अपने सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर चलते हैं। यह दिन उनकी शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। इस दिन सूर्य देव को जल अर्पित करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं और सभी दुख-दर्द दूर होते हैं।

सप्तमी तिथि (Saptami Titihi) ज्योतिषीय महत्व और योग

सप्तमी तिथि का ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी बहुत महत्व है, और इसकी स्थितियों पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है।

  • क्रकच योग: सप्तमी तिथि जब शुक्रवार को आती है, तो क्रकच योग बनता है। इस योग में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह योग अशुभ प्रभाव डालता है।
  • सिद्धिदा योग: अगर सप्तमी तिथि बुधवार के दिन पड़ती है, तो इसे सिद्धिदा योग कहा जाता है। सिद्धिदा योग एक शुभ योग है और इस योग में किए गए सभी कार्य सफल होते हैं। इस योग का महत्व यह है कि यह जीवन में समृद्धि और सफलता लाने वाला माना जाता है।
  • मृत्यु योग: यदि सप्तमी तिथि सोमवार और शुक्रवार को पड़ती है, तो इसे मृत्यु योग कहा जाता है। यह योग अत्यंत अशुभ माना जाता है और इसमें शुभ कार्य करने से जीवन में बाधाएं और परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं।

सप्तमी तिथि (Saptami Titihi) किस देवता को समर्पित है?

सप्तमी तिथि का हिंदू धर्म और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विशेष महत्व है। यह तिथि मुख्य रूप से सूर्य देव को समर्पित है और इसे सूर्य सप्तमी या रथ सप्तमी के रूप में जाना जाता है। इस तिथि पर विशेष पूजा और व्रत का आयोजन किया जाता है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, यह तिथि देवी दुर्गा को भी समर्पित होती है, खासकर नवरात्रि के समय दुर्गा सप्तमी के रूप में।

सप्तमी तिथि (Saptami Titihi) पर सूर्य देव का प्रभाव

सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य हैं, और इसी कारण इस तिथि का प्रयोग विवाह जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के लिए नहीं किया जाता है। यह मान्यता है कि सप्तमी तिथि पर विवाह करने से वैवाहिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और दांपत्य जीवन में अशांति बनी रह सकती है।

निष्कर्ष

सप्तमी तिथि का धार्मिक, ज्योतिषीय और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है। यह तिथि सूर्य देव और देवी दुर्गा को समर्पित है और इस दिन उनकी पूजा-अर्चना से जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

इसके अलावा, विशेष योग जैसे क्रकच योग, मृत्यु योग और सिद्धिदा योग इस तिथि के महत्व को और भी बढ़ाते हैं। सप्तमी तिथि पर किए गए व्रत और पूजा से व्यक्ति को सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

FAQ

1. जनवरी में सप्तमी कब है Saptami Kab Hai?

जनवरी 2024 में कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि 3 जनवरी 2024 को है, तथा शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 17 जनवरी 2024 को है।

2. फरवरी में सप्तमी कब है? Saptami Kab Hai?

फरवरी 2024 में कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि 2 फरवरी 2024 को है, तथा शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि (रथ सप्तमी) 16 फरवरी 2024 को है।

3. मार्च में सप्तमी कब है Saptami Kab Hai?

मार्च 2024 में कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि 3 मार्च 2024 को है, तथा शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 16 मार्च 2024 को है।

4. अप्रैल में सप्तमी कब है? Saptami Kab Hai?

अप्रैल 2024 में कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि (शीतला सप्तमी) 1 अप्रैल 2024 को है, तथा शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 15 अप्रैल 2024 को है

5. मई में सप्तमी कब है Saptami Kab Hai?

मई 2024 में कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि 1 & 30 मई 2024 को है, तथा शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि (गंगा सप्तमी)14 मई 2024 को है।

6. जून में सप्तमी कब है? Saptami Kab Hai?

जून 2024 में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 13 जून 2024 को है, तथा कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि 28 जून 2024 को है।

7. जुलाई में सप्तमी कब है Saptami Kab Hai?

जुलाई 2024 में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 13 जुलाई 2024 को है, तथा कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि 27 जुलाई 2024 को है।

8. अगस्त में सप्तमी कब है? Saptami Kab Hai?

अगस्त 2024 में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 11 अगस्त 2024 को है, तथा कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि 25 अगस्त 2024 को है।

9. सितम्बर में सप्तमी कब है Saptami Kab Hai?

सितंबर 2024 में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 9 सितंबर 2024 को है, तथा कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि 23 सितंबर 2024 को है।

10. अक्टूबर में सप्तमी कब है? Saptami Kab Hai?

अक्टूबर 2024 में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 9 अक्टूबर 2024 को है, तथा कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि 23 अक्टूबर 2024 को है।

11. नवंबर में सप्तमी कब है Saptami Kab Hai?

नवंबर 2024 में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 8 नवंबर 2024 को है, तथा कृष्ण पक्ष की षष्ठी /सप्तमी तिथि 22 नवंबर 2024 को है।

12. दिसंबर में सप्तमी कब है? Saptami Kab Hai?

दिसंबर 2024 में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 8 दिसंबर 2024 को है, तथा कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि 22 दिसंबर 2024 को है।

इस महीने की अन्य तिथियाँ

हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर चंद्र मास में दो पक्ष होते हैं – शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। प्रत्येक पक्ष में 15 तिथियां होती हैं। इनमें से 14 तिथियां दोनों पक्षों में एक जैसी होती हैं।

लेकिन, ध्यान देने वाली बात यह है कि कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि अमावस्या कहलाती है, जबकि शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि को पूर्णिमा कहते हैं। इस साल की अन्य महत्वपूर्ण तिथियां नीचे दी गई हैं –

प्रतिपदा (पड़वा) कब है?नवमी (नौमी) कब है?
द्वितीया (दूज) कब है?दशमी (दसम) कब है?
तृतीया (तीज) कब है?एकादशी (ग्यारस) कब है?
चतुर्थी (चौथ) कब है?द्वादशी (बारस) कब है?
पंचमी (पचमी) कब है?त्रयोदशी (तेरस) कब है?
षष्ठी (छठ) कब है?चतुर्दशी (चौदस) कब है?
सप्तमी (सातम) कब है?पूर्णिमा (पूरनमासी) कब है?
अष्टमी (आठम) कब है?अमावस्या (अमावस) कब है?

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