इस माह त्रयोदशी (तेरस) कब है? Teras Kab Hai July 2025?

Teras Kab Hai

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Teras Kab Hai ? July 2025  : त्रयोदशी तिथि यानि तेरस तिथि हिन्दू पंचांग का एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। यह हर महीने के बाहरवे दिन को दर्शाता है। तेरस का मतलब होता है ‘तेहरवाँ दिन‘, जो हर महीने के चंद्र माह का तेहरवाँ और विशेष दिन होता है।

इस दिन का धार्मिक, सांस्कृतिक और ज्योतिषीय महत्व होता है। त्रयोदशी तिथि या तेरस तिथि के नाम से जाने वाले इस दिन कई धार्मिक अनुष्ठान, व्रत और पूजा होती हैं। हिन्दू धर्म में इसे बहुत ही पवित्र माना जाता है। आईए जानते हैं की इस वर्ष विभिन्न महीनों में त्रयोदशी कब है Teras Kab Hai

मुख्य बिन्दु

त्रयोदशी कब है Teras Kab Hai?

वर्ष 2025 के जनवरी से दिसंबर तक की त्रयोदशी तिथि की जानकारी नीचे दी गई तालिकाओं में उपलब्ध है। आइए, हिंदू कैलेंडर के अनुसार देखें कि इस वर्ष हर महीने त्रयोदशी या तेरस तिथि कब-कब आती (Teras Kab Hai?) है।

जनवरी महीने मे त्रयोदशी तिथि या तेरस कब है Teras Kab Hai?

तारीखपक्षदिन
12 जनवरी 2025शुक्ल पक्ष त्रयोदशीरविवार
27 जनवरी 2025कृष्ण पक्ष त्रयोदशीसोमवार

फरवरी महीने मे त्रयोदशी कब है Teras Kab Hai?

तारीखपक्षदिन
10 फरवरी 2025शुक्ल पक्ष त्रयोदशीसोमवार
25 फरवरी 2025कृष्ण पक्ष त्रयोदशीमंगलवार

मार्च महीने मे त्रयोदशी कब है Teras Kab Hai?

तारीखपक्षदिन
12 मार्च 2025शुक्ल पक्ष त्रयोदशीबुधवार
27 मार्च 2025कृष्ण पक्ष त्रयोदशीगुरुवार

अप्रेल महीने मे त्रयोदशी कब है Teras Kab Hai?

तारीखपक्षदिन
10 अप्रैल 2025शुक्ल पक्ष त्रयोदशीगुरुवार
26 अप्रैल 2025कृष्ण पक्ष त्रयोदशीशुक्रवार

मई महीने मे त्रयोदशी कब है Teras Kab Hai?

तारीखपक्षदिन
10 मई 2025शुक्ल पक्ष त्रयोदशीशनिवार
25 मई 2025कृष्ण पक्ष त्रयोदशीरविवार

जून महीने मे त्रयोदशी कब है Teras Kab Hai?

तारीखपक्षदिन
8 जून 2025शुक्ल पक्ष त्रयोदशीरविवार
23 जून 2025कृष्ण पक्ष त्रयोदशीसोमवार

जुलाई महीने मे त्रयोदशी कब है Teras Kab Hai?

तारीखपक्षदिन
8 जुलाई 2025शुक्ल पक्ष त्रयोदशीमंगलवार
23 जुलाई 2025कृष्ण पक्ष त्रयोदशीबुधवार

अगस्त महीने मे त्रयोदशी कब है Teras Kab Hai?

तारीखपक्षदिन
7 अगस्त 2025शुक्ल पक्ष त्रयोदशीगुरुवार
21 अगस्त 2025कृष्ण पक्ष त्रयोदशीगुरुवार

सितंबर महीने मे त्रयोदशी कब है Teras Kab Hai?

तारीखपक्षदिन
5 सितंबर 2025शुक्ल पक्ष त्रयोदशीशुक्रवार
19 सितंबर 2025कृष्ण पक्ष त्रयोदशीशुक्रवार

अक्टूबर महीने मे त्रयोदशी कब है Teras Kab Hai?

तारीखपक्षदिन
5 अक्टूबर 2025शुक्ल पक्ष त्रयोदशीरविवार
18 अक्टूबर 2025कृष्ण पक्ष त्रयोदशीशनिवार

नवंबर महीने मे त्रयोदशी कब है Teras Kab Hai?

तारीखपक्षदिन
3 नवंबर 2025शुक्ल पक्ष त्रयोदशीसोमवार
17 नवंबर 2025कृष्ण पक्ष त्रयोदशीसोमवार

दिसम्बर महीने मे त्रयोदशी कब है Teras Kab Hai?

तारीखपक्षदिन
3 दिसंबर 2025शुक्ल पक्ष त्रयोदशीबुधवार
17 दिसंबर 2025कृष्ण पक्ष त्रयोदशीबुधवार
31 दिसंबर 2025शुक्ल पक्ष त्रयोदशीबुधवार

त्रयोदशी तिथि व्रत की सूची 2025 (Teras Vrat List 2025)

अब तक हमने जाना की त्रयोदशी कब है Teras Kab Hai और 2025 के सभी त्रयोदशी व्रत कब है, आईए अब आगे जानते हैं की त्रयोदशी तिथि का क्या महत्व है।

त्रयोदशी तिथि (Teras Titihi) का क्या महत्व है?

Teras Kab Hai

त्रयोदशी तिथि का हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह तिथि हर महीने के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों में आती है और इसे विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों, व्रतों, और त्योहारों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। त्रयोदशी तिथि विशेष रूप से भगवान शिव और भगवान धन्वंतरि की पूजा के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।

ऊपर दिए गए त्रयोदशी व्रत लिस्ट 2025 में हमने जाना की त्रयोदशी कब है Teras kab hai, अब आगे जानते हैं एकादशी पूजा विधि और व्रत कथा।

त्रयोदशी तिथि (Teras Titihi) का धार्मिक महत्व

त्रयोदशी तिथि (Teras Titihi) का प्रदोष व्रत

त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है और इसे भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए रखा जाता है। प्रदोष व्रत हर महीने की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है।

धन्वंतरि त्रयोदशी

धनतेरस के दिन, जो कि कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी होती है, भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। इस दिन को धनतेरस या धन त्रयोदशी के नाम से जाना जाता है और यह दिवाली के त्योहार का पहला दिन होता है। इस दिन लोग धन की देवी लक्ष्मी और स्वास्थ्य के देवता धन्वंतरि की पूजा करते हैं।

त्रयोदशी तिथि (Teras Titihi) की पूजा विधि

प्रदोष व्रत पूजा

  • स्नान और शुद्धि: त्रयोदशी तिथि पर प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थान की तैयारी: पूजा स्थल को शुद्ध करें और वहां भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग स्थापित करें।
  • मंत्र जाप: भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें।
  • अर्पण: भगवान शिव को बेल पत्र, फल, फूल, धूप, दीप, चंदन और प्रसाद अर्पित करें।
  • व्रत पालन: दिन भर व्रत रखें और संध्या समय भगवान शिव की विशेष पूजा करें।

धनतेरस पूजा

  • स्नान और शुद्धि: धनतेरस के दिन प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थान की तैयारी: पूजा स्थल को शुद्ध करें और वहां भगवान धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • मंत्र जाप: भगवान धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें।
  • अर्पण: भगवान धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी को फल, फूल, धूप, दीप, चंदन और प्रसाद अर्पित करें।
  • दीप जलाना: इस दिन घर के मुख्य द्वार पर दीप जलाना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

त्रयोदशी तिथि (Teras Titihi) का ज्योतिषीय महत्व और योग

शुभ योग

त्रयोदशी तिथि पर यदि विशेष योग बनते हैं, तो यह अत्यंत शुभ माने जाते हैं। जैसे कि रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग आदि। इन योगों में किए गए कार्य सफल होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं।

त्रयोदशी तिथि (Teras Titihi) की व्रत कथा

प्रदोष व्रत से जुड़ी एक प्रमुख कथा है कि एक बार भगवान शिव ने अपने भक्तों की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें प्रदोष व्रत का महत्व बताया था। इस व्रत के पालन से सभी प्रकार के पापों का नाश होता है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।

Pradosh Vrat Katha प्रदोष व्रत की कहानी प्रदोष व्रत Pradosh Vrat Ki Kahani

Pradosh Vrat Katha || प्रदोष व्रत की कहानी || प्रदोष व्रत || Pradosh Vrat Ki Kahani

धनतेरस कथा

धनतेरस की कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इस दिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है और भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है, जो आयुर्वेद के देवता और स्वास्थ्य के संरक्षक माने जाते हैं।

तरणी तेरस व्रत की कथा | tarani teras vrat ki katha

तरणी तेरस व्रत की कथा | tarani teras vrat ki katha

निष्कर्ष

त्रयोदशी तिथि का धार्मिक, ज्योतिषीय और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है। इस तिथि पर प्रदोष व्रत और धनतेरस जैसे महत्वपूर्ण पर्व मनाए जाते हैं। त्रयोदशी तिथि पर किए गए व्रत, उपवास, और पूजा-अर्चना से व्यक्ति को सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

आपके पूरे सहयोग से हमने इस पोस्ट मे जाना की त्रयोदशी व्रत लिस्ट 2025 और त्रयोदशी कब है (Teras Kab Hai) और त्रयोदशी व्रत कथा पूजा विधि की जानकारी पाई।

FAQ त्रयोदशी व्रत लिस्ट 2025 और त्रयोदशी कब है (Teras Kab Hai)

1. जनवरी में त्रयोदशी तिथि तेरस कब है Teras Kab Hai?

जनवरी 2025 में 12 जनवरी 2025 को शुक्ल पक्ष और 27 जनवरी 2025 को कृष्ण पक्ष की तेरस तिथि है।

2. फरवरी में त्रयोदशी तिथि तेरस कब है? Teras Kab Hai?

फरवरी 2025 में 10 फरवरी 2025 को शुक्ल पक्ष और 25 फरवरी 2025 को कृष्ण पक्ष की तेरस तिथि है।

3. मार्च में त्रयोदशी तिथि तेरस कब है Teras Kab Hai?

मार्च 2025 में 12 मार्च 2025 को शुक्ल पक्ष और 27 मार्च 2025 को कृष्ण पक्ष की तेरस तिथि है।

4. अप्रैल में त्रयोदशी तिथि तेरस कब है? Teras Kab Hai?

अप्रैल 2025 में 10 अप्रैल 2025 को शुक्ल पक्ष और 26 अप्रैल 2025 को कृष्ण पक्ष की तेरस तिथि है।

5. मई में त्रयोदशी तिथि तेरस कब है Teras Kab Hai?

मई 2025 में 10 मई 2025 को शुक्ल पक्ष और 25 मई 2025 को कृष्ण पक्ष की तेरस तिथि है।

6. जून में त्रयोदशी तिथि तेरस कब है? Teras Kab Hai?

जून 2025 में 8 जून 2025 को शुक्ल पक्ष और 23 जून 2025 को कृष्ण पक्ष की तेरस तिथि है।

7. जुलाई में त्रयोदशी तिथि तेरस कब है Teras Kab Hai?

जुलाई 2025 में 8 जुलाई 2025 को शुक्ल पक्ष और 23 जुलाई 2025 को कृष्ण पक्ष की तेरस तिथि है।

8. अगस्त में त्रयोदशी तिथि तेरस कब है? Teras Kab Hai?

अगस्त 2025 में 7 अगस्त 2025 को शुक्ल पक्ष और 21 अगस्त 2025 को कृष्ण पक्ष की तेरस तिथि है।

9. सितम्बर में त्रयोदशी तिथि तेरस कब है Teras Kab Hai?

सितंबर 2025 में 5 सितंबर 2025 को शुक्ल पक्ष और 19 सितंबर 2025 को कृष्ण पक्ष की तेरस तिथि है।

10. अक्टूबर में त्रयोदशी तिथि तेरस कब है? Teras Kab Hai?

अक्टूबर 2025 में 5 अक्टूबर 2025 को शुक्ल पक्ष और 18 अक्टूबर 2025 को कृष्ण पक्ष की तेरस तिथि है।

11. नवंबर में त्रयोदशी तिथि तेरस कब है Teras Kab Hai?

नवंबर 2025 में 3 नवंबर 2025 को शुक्ल पक्ष और 17 नवंबर 2025 को कृष्ण पक्ष की तेरस तिथि है।

12. दिसंबर में त्रयोदशी तिथि तेरस कब है? Teras Kab Hai?

दिसंबर 2025 में 3 दिसंबर 2025 को शुक्ल पक्ष, 17 दिसंबर 2025 को कृष्ण पक्ष और 31 दिसंबर 2025 को शुक्ल पक्ष की तेरस तिथि है।

इस महीने की अन्य तिथियाँ

हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर चंद्र मास में दो पक्ष होते हैं – शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। प्रत्येक पक्ष में 15 तिथियां होती हैं। इनमें से 14 तिथियां दोनों पक्षों में एक जैसी होती हैं।

लेकिन, ध्यान देने वाली बात यह है कि कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि अमावस्या कहलाती है, जबकि शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि को पूर्णिमा कहते हैं। इस साल की अन्य महत्वपूर्ण तिथियां नीचे दी गई हैं –

प्रतिपदा (पड़वा) कब है?नवमी (नौमी) कब है?
द्वितीया (दूज) कब है?दशमी (दसम) कब है?
तृतीया (तीज) कब है?एकादशी (ग्यारस) कब है?
चतुर्थी (चौथ) कब है?द्वादशी (बारस) कब है?
पंचमी (पचमी) कब है?त्रयोदशी (तेरस) कब है?
षष्ठी (छठ) कब है?चतुर्दशी (चौदस) कब है?
सप्तमी (सातम) कब है?पूर्णिमा (पूरनमासी) कब है?
अष्टमी (आठम) कब है?अमावस्या (अमावस) कब है?

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